हास्य व्यंग्य - धंधा पुराना अंदाज नया

हास्य व्यंग्य - धंधा पुराना अंदाज नया
Share:

कभी गलियों में आवाजें आती थी- भांडे कली करा लो... कढ़ाइयां दे थल्ले लवा लो....मैं लुधियाने तों आया...ते माल मुफ्त विच लाया ...भांडे इक रुपैया ... बहुता न टप टप्पैया ... जिसनूं कंहदे ने  शर्मीला... भांडा  हो जावेगा चमकीला.....। ये आवाजें वक्त के साथ कहीं खो गई। सब्जी वाले चिल्लाते थे - ये भिन्डी  नहीं लैला की हैं उंगलियां। हर चीज को गा गा कर बेचने का रिवाज था। फिर चिल्ला चिल्ला कर सामान बेचने का रिवाज चला। शाम तक गला ऐसा हो जाता कि बेचारा बेचता आड़ू ...लोग सुनते झाड़ू। वेंडर बेचता कुछ, सुनने वाला सुनता कुछ। फिर जब तक उसकी आवाज सुन कर बंदा बाहर आता , वह गली के दूसरे कार्नर पहुंच जाता या उसकी आवाज किसी दूसरी गली से सुनाई देती। और अक्सर ‘जाने क्या तूने कही जाने कया मैनें  सुनी’ का आलम हो जाता।

आज की डेट में सब प्रोफेशनल हो गया है। अब रेहड़ी फड़ी वाले गला नहीं फाड़ते बल्कि स्पीकर पर अपनी आवाज रिकार्ड करवा के सारा दिन दूसरों के कान फाड़ते हैं। कबाड़िया अब अखबार की  रद्दी  ही नहीं , आपको ए.सी, फ्रिज ,कूलर,कुकर, कंप्यूटर, फर्नीचर तक बेचने के लिए अपने साउंड सिस्टम से लालायित कर डालता है। हमारी गली में कुछ साल पहले तक भगवे कपड़े पहने हट्टा कट्टा  , एक अन्धे को पकड़ कर फेरी लगाते हुए चिल्लाते हुए चलता था- बाबा कई दिन से भूखे हैं, कपड़ा लत्ता,खाना, पैसे दे दो बाबा। कल ये जोड़ी दिखी। अंधे के डंडे पर छोटा सा स्पीकर टंगा था और मोटे के कंधे पर वायस सिस्टम लटका हुआ था जिसमें तरह  तरह की मार्मिक अपील लगातार चल रही थी और वो दोनों बिना टैंशन के बतियाते जा रहे थे।

कभी हमारी गली में मुंह अंधेरे ,सुबह सवेरे, मार्निंग  अलार्म  की तरह, कुछ साधुनुमा पांच सात लोग, गले में हारमोनियम लटकाए और कड़क आवाज में भजन गाते निकलते थे। उनके कुछ भजन इस तरह के होते थे- कई तर गए कईयां ने तर जाणा.. जिनां ने तेरा नाम जप्या । जिंदगी चार दिनां दी उठ जा बंदे, लैले रब्बा दा नां बंदे ....इक दिन तुर जाएगा...वगैरा वगैरा। उनके बोल सुनकर पापी से पापी बंदा भी डर के मारे उठ खड़ा हो जाता था। जमाना बदल गया है। साधू ,संत ,भिखारी मांगने वाले सब आधुनिक हो गए हैं। कुछ ने परमानेंट माता का मोबाइल दरबार बना रखा है जिसमें लगातार सभी गायकों के भजन चलते रहते हैं और वे गली गली ,माता के नाम की पर्ची हाथ में थमाते और कमाते चलते हैं।  आपको गौशाला जाने की जरुरत नही । गऊ माता भी हर बुधवार और शुक्रवार सज धज कर कलरफुल कास्टयूम  में  आपके द्वार पर हाजिर रहती हैं।

कुछ लोगों का धंधा पुराना है पर अंदाजे ब्यां वही का वही है। टेलर मास्टर आज भी तारीख पर तारीख देता है। बस काज बटन बाकी हैं, शाम को ले लेना। किस डेट की शाम , ये चक्कर लगाने पर ही पता चलता है। मोबाइल आ जाने से फोटोग्राफरों की हालत में सुधार आया है वर्ना जब जाते थे तो एक क्लिप के सहारे किसी तार पर लटकी फिल्म को देख कर ही तसल्ली करनी पड़ती थी कि काम चल रहा है। या फिर लाइट लगने से रोल खराब हो गया या रोल आगे खिसका ही नहीं जैसे जुमले सुनने पड़ते थे। घड़ी साज का वही पुराना तेरा बहाना - इस घड़ी का एक्सल टूट गया है या स्प्रिंग निकल गया है जैसे जवाबों से छुटटी मिली जब से  इलेक्ट्रॉनिक घड़ियां   आई हैं। अब 5 जी की तैयारी है । सरकारी टेलीफोन विभाग में अभी भी पुराना ढर्रा चालू है। कंम्पलेंट करवाने के बाद आज भी सिफारिश करवानी पड़ती है।

जमाने के साथ चले हैं तो केवल ट्र्क वाले। अभी चीन या अन्य देशों के वैज्ञानिकों, डाक्टरों, यहां तक कि  ज्योतिषियों  को सपने में भी ख्याल नहीं आया था  कि कोई ऐसी महामारी आएगी जो नाक मुंह बंधवाएगी । इन्होंने कोरोना आने से पहले ही दूरदर्शिता दिखाते हुए उसके समाधान ,अपने ट्रकों के पीछे कब   के      लिखवा लिये थे- कीप  डिस्टेंस - उचित दूरी बना कर रखें। सावधानी हटी- खीर पूरी बंटी। धीरे चलोगे तो बार बार मिलेंगे वरना हरिद्वार मिलेंगे। ये भाई लोग नास्त्रेदमस की तरह ऐसे भविष्यवक्ता निकले कि कमाल हो गया। बीमारी से पहले ही उसकी दवाई लिख डाली। इसी लिए साथ साथ -मेरा भारत महान लिखना नहीं भूले । जैसे नास्त्रेदमस की फ्रांसीसी दोहों को सब अपने अपने स्टाईल में  ट्रांसलेट  कर रहे हैं, अपन के भाई लोगों ने अपने सिम्पल भेजे में घुस जाने वाली शायरी से सबको आगाह कर दिया था कि ओवरटेक करोगे तो यमराज जल्दी बुलाएगा। अब बिना मास्क के लोग एक दूसरे को ओवर टेक तो दूर, एक दूसरे पर चढ़़े जा रहे हैं और  यमराज को ओवर बर्डन कर रहे हैं। धीरे चलोगे तो बार बार मिलागे नही तो हरिद्वार मिलोगे, भी लिखा देखा यानी जो प्रोटोकोल के अनुसार चलेंगे वे ठीक रहेंगे वरना हस्पताल से पैक होकर आओगे, लुटिया में समा के जाओगे। एक वाहन के पीछे यह भी पेंट हुआ था- जिन्हें जल्दी थी , वो चले गए। लेकिन वास्तव में उनके जाने से ,डाक्टर बेवजह पिट गए। कइयों ने लिखा- मेरा भारत महान 100 में से 99 बेईमान। कोरोना काल में कोैन ईमानदार रहा और कोैन बेईमान , इसका पता हर भारतवासी को है। कई देश भक्त ट्र्क वाले  शायरो ने लिखवा दिया -ं  शहीदों को प्रणाम । जब उनसे पूछा जाता है कि शहीदों के नाम बताओ तो बेचारे मासूमियत से कहते हैं- बाऊ जी हुण की दस्सिये कि कौन कौन ]किन्ने थल्ले आ आ के शहीद होए ने ? हमारे ट्र्क वाले नास्त्रेदमसों  को मेरा सलाम ।

एक सज्जन ने लिखवाया है- नीम का पेड़ चंदन से कम नहीं , म्हारा पंचकूला लंदन से कम नहीं। एक एम्बुलेंस वाले ने अंततः चिपका ही लिया- दिल के अरमां आसुओं में बह गए, वो उतर कर चल दिए, हम गियर बदलते रह गए। कितने ही  एम्बुलेंस  वालों ने खूब लूटा और कइयों ने रोने धोने के आगे उनका किराया ही मार लिया। चोर को पड़ गए मोर।हमने भी छोटी मोटी शायरी मिर्जा गालिब  से नहीं सीखी , ट्र्कों के पीछे पढ़ पढ़ कर ही शायर बने  हैं। सब चलता है भाई साहब!    - मदन गुप्ता सपाटू

वैक्सीन अनिवार्य करने से हाई कोर्ट का इंकार, कहा- जबरदस्ती टीकाकरण 'मौलिक अधिकारों' का हनन

कार चला रही थी महिला अचानक हुआ कुछ ऐसा की खो बैठी अपनी सुधबुध

शादी करके लौटे शख्स को पता चली ऐसी सच्चाई की गुस्से में पीटने लगा अपना सिर, हुआ ये बड़ा खुलासा

Disclaimer : The views, opinions, positions or strategies expressed by the authors and those providing comments are theirs alone, and do not necessarily reflect the views, opinions, positions or strategies of NTIPL, www.newstracklive.com or any employee thereof. NTIPL makes no representations as to accuracy, completeness, correctness, suitability, or validity of any information on this site and will not be liable for any errors, omissions, or delays in this information or any losses, injuries, or damages arising from its display or use.
NTIPL reserves the right to delete, edit, or alter in any manner it sees fit comments that it, in its sole discretion, deems to be obscene, offensive, defamatory, threatening, in violation of trademark, copyright or other laws, or is otherwise unacceptable.
Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -