नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा गठित की गई समिति द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर सिफारिश करने का निर्णय लिया है। अपनी सिफारिश के निर्णय में समिति द्वारा कहा गया है कि 8वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को फेल न किया जाए, जबकि सभी कक्षाओं में मूल्यांकन पर ही ध्यान दिया जाए। हालांकि इस समिति द्वारा कक्षा पांचवी हेतु परीक्षा लेने की बात राज्य सरकार पर छोड़ने का निर्णय भी लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि विद्यार्थियों को फेल नहीं करने की नीति के अंतर्गत 8वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को उत्तीर्ण किया जाता है। राजस्थान सरकार द्वारा एक बयान जारी कर कहा गया है कि समिति ने कक्षा 6 ठी और कक्षा 7 वीं तक विद्यार्थियों को फेल नहीं करने का समर्थन करते हुए कक्षा 8 वीं में बोर्ड की परीक्षाओं की सिफारिश करने का निर्णय भी लिया है।
इस तरह के बयान में राजस्थान की शिक्षा मंत्री वासुदेव देवयानी ने कहा कि समिति द्वारा इस तरह के मसले पर 22 राज्यों से सुझाव मांगे गए 18 राज्यों ने इसे बदलने के तरीके और इसे बेहतर करने के बारे में अपने विचार भी सौंपे हैं। उल्लेखनीय है कि देवयानी केंद्र सरकार द्वारा गठित की गई समिति में अध्यक्ष के पद पर काबिज हैं।