नई दिल्लीः भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ और कॉमनवेल्थ के बीच का विवाद अब पीएम मोदी तक पहुंच गया है। निशानेबाजी को 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स से बाहर किए जाने से भारतीय शूटर्स आहत हैं। भारतीय शूटर्स ने पीएम मोदी से ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के समक्ष इस मुद्दे को उठाने की अपील की है। भारत के निशानेबाजी संघ ने जोर देते हुए कहा कि निशानेबाजी को बाहर करना पूरे उप महाद्वीप के लिए खेल को पीछे ले जाने वाला कदम है।
एनआरएआई अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने मोदी ने अपील की कि वह खेल को दोबारा कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल करने का मुद्दा ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के साथ उठाएं। कॉमनवेल्थ गेम्स महासंघ के कार्यकारी बोर्ड ने आयोजन समिति और कॉमनवेल्थ इंग्लैंड के प्रतिनिधियों की मौजूदगी वाले समीक्षा पैनल की सिफारिश के बाद भी निशानेबाजी को 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स से हटाने का फैसला किया। इस कदम की भारत में काफी आलोचना हुई और भारतीय ओलिंपिक संघ ने खेल को दोबारा शामिल नहीं करने पर कॉमनवेल्थ गेम्स के बहिष्कार की धमकी तक दे डाली।
निशानेबाजी 1966 के अलावा प्रत्येक कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा रही है लेकिन यह इन गेम्स के कोर खेलों का हिस्सा नहीं है। एनआरएआई प्रमुख ने बीते वर्ष की तरह बहिष्कार की मांग नहीं की मगर मोदी से अपील की कि वो इस मुद्दे को उठाएं। रनिंदर ने कहा, ‘हम एक बार फिर पीएम मोदी की तरफ देख रहे हैं कि वो यह मुद्दा जितना जल्दी संभव हो ब्रिटेन के अपने समकक्ष बोरिस जॉनसन के साथ द्विपक्षीय तौर पर उठाएं। रनिंदर ने बताया कि पीएम मोदी ने इसी तरह की पहल की थी जब राज्यवर्धन सिंह राठौड़ खेल मंत्री थे। उन्होंने बताया, ‘आपने लंदन दौरे के दौरान द्विपक्षीय चर्चाओं के दौरान यह मुद्दा उठाया था और तत्कालीन ब्रिटिश पीएम टेरेसा मे इस मामले पर गौर करने के लिए राजी हो गई थीं।
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