पटना: बिहार के पूर्व सीएम और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि देश में अब "सांप्रदायिक शक्तियां" अधिक शक्तिशाली हो गई हैं। उन्होंने दावा किया कि देश के संविधान को बदलने की कई कोशिशें की जा रहीं हैं। 'सड़क से संसद तक' पुस्तक के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए लालू यादव ने कहा कि, "आज देश बदल रहा है। देश में अब सांप्रदायिक शक्तियों का बोलबाला है। भारत के संविधान को बदलने की बहुत कोशिशें की गई हैं।"
#WATCH | Patna, Bihar: While addressing the book launch of 'Sadak Se Sansad Tak', former CM of Bihar and RJD Chief Lalu Prasad Yadav says, "Today the country is changing... The communal powers have more say now in the country... A lot of attempts have been made to change India's… pic.twitter.com/nTmoiQZQi4
— ANI (@ANI) September 28, 2023
बता दें कि, पिछले हफ्ते ही दिल्ली की एक अदालत ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला (Land For Job Scam) मामले में लालू यादव को समन जारी किया था। यादव के अलावा रेलवे के पूर्व अधिकारियों को भी 4 अक्टूबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है। इससे पहले लालू यादव चारा घोटाले के कई मामलों में दोषी पाए जा चुके हैं, लेकिन वकील कपिल सिब्बल ने उन्हें हाई कोर्ट से जमानत दिलवा दी थी, जिसके चलते वे जेल से बाहर हैं। हालाँकि, जमानत से पहले भी लालू बहुत कम दिन ही जेल में रहे, वे अधिकतर समय बीमार रहने के नाम पर अस्पतालों में एडमिट रहे थे।
इससे पहले 12 सितंबर को, CBI ने कोर्ट को सूचित किया था कि मामले में एक ताजा आरोप पत्र में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी गृह मंत्रालय से प्राप्त की गई थी। यह घटनाक्रम जुलाई में अदालत द्वारा बिहार के नेता और अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी प्राप्त करने के लिए CBI को समय दिए जाने के बाद हुआ। यह मामला उस भ्रष्टाचार से संबंधित है, जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली मनमोहन सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि जमीन के बदले लालू ने लोगों को रेलवे में नौकरियां दी। जांच एजेंसी ने आगे आरोप लगाया है कि RJD सुप्रीमो और उनके परिवार ने महज 26 लाख रुपये में 1 लाख वर्ग फुट से अधिक जमीन का अधिग्रहण किया, जबकि इसका तत्कालीन संचयी बाजार मूल्य लगभग 4.40 करोड़ रुपये था।
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