हाल ही में सामने आई जानकारी के मुताबिक श्रम मंत्रालय जल्द ही नियोक्ताओं को मौजूदा कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बदलाव करने की अनुमति दे सकता है। सबसे खास उनके लिए जो कर्मचारी स्थायी रूप से घर से काम करने का विकल्प चुनते हैं। कुछ सूत्रों का कहना है कि इस बदलाव के तहत कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) घटक में कमी आ सकती है और बुनियादी ढांचे के तहत प्रतिपूर्ति लागत में वृद्धि हो सकती है। हाल ही में सामने आने वाली एक रिपोर्ट को माने तो एक शीर्ष सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि 'श्रम मंत्रालय सेवा शर्तों को फिर से परिभाषित करने के लिए स्थायी आदेश जारी कर सकता है।'
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि, 'कर्मचारियों के एचआरए में आने वाले दिनों कमी आ सकती है। खासकर वे कर्मचारी, जो स्थायी रूप से घर से काम करने का विकल्प चुनते हैं। क्योंकि, श्रम मंत्रालय जल्द ही नियोक्ताओं को मौजूदा कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बदलाव करने की अनुमति दे सकता है।' इसी के साथ एक मशहूर वेबसाइट की खबर को माने तो एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया कि श्रम मंत्रालय सेवा शर्तों को फिर से परिभाषित करने के लिए स्थायी आदेश जारी कर सकता है।
अधिकारी ने यह भी कहा है कि, यह सुनिश्चित करने के लिए सेवा शर्तों को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है कि घर से काम करने के कारण होने वाले खर्चों को ध्यान में रखते हुए कर्मचारी मुआवजे को स्ट्रक्चर्ड किया जाए। इसी के साथ कर्मचारियों को बिजली और वाईफाई जैसी कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर लागत को वहन करना पड़ता है और इन्हें मुआवजे की संरचना का हिस्सा बनने की आवश्यकता होती है। अधिकारी का कहना यह भी है कि, 'सरकार सभी मौजूदा विकल्पों पर गहनता से विचार कर रही है और जल्द ही इस संबंध में कुछ ठोस कदम उठा सकती है।'
PM मोदी को मिला एक और अंतरराष्ट्रीय सम्मान, भूटान ने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाजा
पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, ढेर हुआ 2 लाख का इनामी नक्सली कमांडर