नई दिल्ली: AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिकायत की गई है. अधिवक्ता विनीत जिंदल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया है कि उन्होंने भारत के संविधान के अनुच्छेद 103 के तहत राष्ट्रपति के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें विदेशी प्रदेश 'फिलिस्तीन' के प्रति अपनी निष्ठा दिखाने के लिए ओवैसी को अनुच्छेद 102 (4) के तहत अयोग्य ठहराने की मांग की गई है.
इसके अतिरिक्त सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ शिकायत की तथा अयोग्य ठहराने की मांग की है. 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन AIMIM प्रमुख एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ ग्रहण के पश्चात् जय फिलिस्तीन का नारा लगाया. शपथ के पश्चात् उन्होंने सबसे पहले जय भीम बोला, इसके बाद जय मीम, जय तेलंगाना एवं जय फिलस्तीन का नारा लगाया. ओवैसी ने 5वीं बार लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली.
तत्पश्चात, उन्होंने अपने बयान में कहा कि मैं भारत के हाशिए पर पड़े लोगों के मुद्दों को ईमानदारी से उठाता रहूंगा. किन्तु फिलिस्तीन को लेकर लगाए गए नारे के पश्चात् राजनीति गरमा गई, फिर सभापति ने इसे रिकॉर्ड से हटा दिया. शपथ के चलते ओवैसी के द्वारा जय फिलिस्तीन का नारा लगाने के बाद राजनीति आरम्भ हो गई है. जब ओवैसी से पूछा गया कि आपने जो नारा दिया उसका विरोध हो रहा है, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि किसने क्या कहा क्या नहीं कहा, सब कुछ आपके सामने है. मैंने केवल इतना कहा कि जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन. इसके साथ ही कहा कि सबने क्या-क्या कहा वो भी सुनिए. फिलिस्तीन का जिक्र करना कैसे खिलाफ है, संविधान में प्रावधान दिखाएं.