नई दिल्ली: तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin's comments on Sanatan Dharma) की 'सनातन धर्म' पर हालिया टिप्पणियों ने भारत के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़े विवाद को जन्म दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को DMK नेता और I.N.D.I.A. गठबंधन की कड़ी आलोचना की। इसके साथ ही भाजपा ने उदयनिधि के विवादित बयानों पर विपक्षी नेताओं की चुप्पी को देखते हुए दावा किया कि विपक्षी गठबंधन का प्राथमिक एजेंडा हिंदू धर्म का पूर्ण खात्मा ही है।
रिपोर्ट के अनुसार, DMK नेता उदयनिधि द्वारा दिए गए बयानों को "घृणास्पद भाषण" बताते हुए भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट से उदयनिधि (Udhayanidhi Stalin's comments on Sanatan Dharma) के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू करने का भी आग्रह किया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उदयनिधि की आलोचना की और कहा कि विवादास्पद बयान के महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं। त्रिवेदी ने आगे कहा कि इन टिप्पणियों ने विपक्षी गठबंधन की वास्तविक प्रकृति का खुलासा किया है। त्रिवेदी ने उल्लेख किया कि मुंबई में 'घमंडिया' गठबंधन की बैठक के 48 घंटों के भीतर DMK नेता द्वारा की गई टिप्पणियों से 'मोहब्बत की दुकान के मालिक' की असली प्रकृति का पता चला है। जाहिर तौर पर यहां सुधांशु त्रिवेदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कस रहे थे, जो उदयनिधि के बयानों पर बिलकुल मौन हैं, जबकि वे बीते कुछ नफरत नहीं फैलाने और मोहब्बत की दूकान खोलने का दावा कर रहे हैं। लेकिन, उन्ही राहुल ने उदयनिधि के 'सनातन धर्म को पूरी तरह ख़त्म करने' वाले बयान पर चुप्पी साध रखी है। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मुद्दे पर अपना गुस्सा व्यक्त किया और आरोप लगाया कि I.N.D.I.A. गठबंधन के भीतर पार्टियों ने अपने वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के तहत 'सनातन धर्म' का अपमान किया है।
उदयनिधि की टिप्पणी
भाजपा की यह तीखी प्रतिक्रिया उदयनिधि (Udhayanidhi Stalin's comments on Sanatan Dharma) के उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'सनातन धर्म' समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों का विरोध करता है और इसे पूरी तरह खत्म करना होगा। उदयनिधि ने 'सनातन धर्म' की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू बुखार जैसी बीमारियों से करते हुए इसे (धर्म को) पूरी तरह ख़त्म करने का आह्वान किया था। जैसे ही उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को पूरी तरह से ख़त्म करने की वकालत की, भाजपा नेताओं ने इसे देश के 80 फीसद हिन्दुओं के नरसंहार का आह्वान करार दिया और सवाल किया कि क्या I.N.D.I.A. ब्लॉक के सभी सदस्य उनके (उदयनिधि के) विचार साझा करते हैं। यानी भाजपा के अलावा किसी भी अन्य सियासी दल ने उदयनिधि के हिन्दू धर्म विरोधी बयानों की आलोचना नहीं की है। कुछ लोग ये भी सवाल कर रहे हैं कि, यदि किसी दूसरे धर्म पर ऐसी बयानबाज़ी की गई होती, तब भी क्या विपक्षी नेता चुप रहते ?
Udhayanidhi Stalin’s hate speech with Hindi subtitles.
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 2, 2023
Rahul Gandhi speaks of ‘मोहब्बत की दुकान’ but Congress ally DMK’s scion talks about eradicating Sanatana Dharma. Congress’s silence is support for this genocidal call…
I.N.D.I Alliance, true to its name, if given an… https://t.co/hfTVBBxHQ5 pic.twitter.com/ymMY04f983
हालाँकि, I.N.D.I.A.गठबंधन में शामिल किसी भी नेता ने उदयनिधि (Udhayanidhi Stalin's comments on Sanatan Dharma) के बयान का विरोध नहीं किया है, लेकिन कार्ति चिदंबरम और लक्ष्मी रामचंद्रन जैसे कांग्रेस नेताओं ने उनका समर्थन जरूर किया है। लक्ष्मी ने तो सनातन धर्म को नफरत फैलाने वाला कह दिया, वहीं कांग्रेस सांसद चिदंबरम, उदयनिधि के विवादित बयान के समर्थन में खड़े नज़र आए। यहाँ तक कि, हिंदुत्व की राजनीति करने वाली शिवसेना (उद्धव गुट) ने भी उदयनिधि के बयान पर मौन साधे रखना ही उचित समझा, शायद उद्धव ठाकरे अपने I.N.D.I.A. गठबंधन के साथियों को नाराज़ नहीं करना चाहते। बता दें कि, उदयनिधि के इन विवादित बयानों का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमे वे कह रहे हैं कि, 'सनातन धर्म को खत्म करने के लिए इस सम्मेलन में मुझे बोलने का अवसर देने के लिए मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूँ। मैं सम्मेलन को ‘सनातन धर्म का विरोध’ करने के बजाय ‘सनातन धर्म को मिटाओ‘ कहने के लिए आयोजकों को बधाई देता हूँ।'
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