भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव इसी महीने के अंत में हैं। चुनाव से पहले राज्य सरकार में मंत्री का पद छोड़ने और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाना के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कंप्यूटर बाबा को उनका विरोध महंगा पड़ गया है। उनके इस तरह से सरकार का विरोध करने पर दिगंबर अनी अखाड़े ने उन्हें अखाड़े से बहिष्कृत कर दिया है। गुरुवार को उन्हें अखाड़े से बाहर कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि कंप्यूटर बाबा पर यह कार्यवाही संतों के आचरण के खिलाफ कार्य करने को लेकर की गई है। सूत्रों के अनुसार, बाबा पर आरोप है कि वह राजनीति के तहत संतों की गरिमा के खिलाफ आचरण कर रहे थे। बता दें कि कंप्यूटर बाबा भाजपा सरकार के खिलाफ सभी संतों को लामबंद करने का अभियान चला रहे थे।
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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिगंबर अनी अखाड़े से कंप्यूटर बाबा को निष्कासित कर दिया गया है और यह कार्यवाही संतों की गरिमा के खिलाफ आचरण को लेकर की गई है। महंत ने बताया कि कंप्यूटर बाबा संत गरिमा के खिलाफ राजनीति में गए और अब अपने फायदे के लिए कभी भाजपा, तो कभी कांग्रेस के पक्ष में बात कर रहे हैं। नरेंद्र गिरी ने बताया कि कंप्यूटर बाबा को अखाड़े ने निष्कासित करने का फैसला उज्जैन में दिगंबर अनी अखाड़े के पंचों की आयोजित बैठक में लिया गया।
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लगेगी यह रोक
कंप्यूटर बाबा के अखाड़े से निष्कासन के बाद अब वह दिगंबर अनी अखाड़े के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इतना ही नहीं वह 15 जनवरी 2019 से शुरू होने वाले कुंभ मेले में अखाड़े के शाही स्नान में भी भागीदार नहीं बन सकेंगे।
शिवराज सरकार ने किया षड्यंत्र : कंप्यूटर बाबा
निष्कासन के बाद कंप्यूटर बाबा ने इसे शिवराज सरकार का षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली प्रदेश सरकार मेरे खिलाफ षड्यंत्र कर रही है, लेकिन मैं हिंदू धर्म की रक्षा के लिए डटा रहूंगा। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाया कि राज्य में साधु—संतों की अवहेलना ही जा रही है और उन्हें परेशान किया जा रहा है।
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बता दें कि इस साल अप्रैल में प्रदेश सरकार ने कंप्यूटर बाबा सहित पांच धार्मिक नेताअेां को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। लेकिन कुछ दिन पहले ही कंप्यूटर बाबा ने शिवराज सरकार पर नर्मदा को स्वच्छ रखने और यहां पर अवैध खनन को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
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