चंडीगढ़: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) पर हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणामों के नवीनतम रुझानों को अपनी वेबसाइट पर अपडेट करने में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग प्रशासन पर दबाव बनाने के उद्देश्य से पुराने और भ्रामक रुझान साझा कर रहा है, जैसा कि लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था।
जयराम रमेश के इन आरोपों पर चुनाव आयोग ने मिनट-टू-मिनट डेटा अपडेट के साथ जवाब दिया। आयोग ने कहा कि इसी तरह के आरोप 4 जून, 2024 को भी लगाए गए थे, जब लोकसभा चुनावों के नतीजे आ रहे थे। उस समय भी आयोग ने इन आरोपों को गलत और निराधार बताया था। आयोग ने यह स्पष्ट किया कि वोटों की गिनती कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स के नियम 60 के तहत होती है और यह पहले से निर्धारित काउंटिंग सेंटरों पर की जाती है, जहां नामित अधिकारी इसकी निगरानी करते हैं। चुनाव आयोग ने जयराम रमेश के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि हरियाणा चुनाव परिणामों में डेटा अपडेट में देरी के कोई सबूत नहीं मिले हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि कानूनी प्रावधानों के अनुसार, हर सीट पर वोटों की गिनती चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और पार्टियों द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में की जाती है। रमेश के आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई तथ्य या सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया है, और उनके द्वारा भेजे गए मेमोरेंडम में भी कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई।
आयोग ने यह भी कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम हर 5 मिनट में उसकी वेबसाइट पर अपडेट किए जा रहे थे। लगभग 25 राउंड की काउंटिंग हुई और हर राउंड की गिनती पूरी होने के बाद पांच मिनट के अंदर डेटा वेबसाइट पर रिफ्लेक्ट हो गया। आयोग ने जयराम रमेश के आरोपों को गैर-जिम्मेदाराना, तथ्यहीन और दुर्भावनापूर्ण बताया, और इसे सिरे से खारिज कर दिया।
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