मुम्बई: 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर कार्यक्रम जारी होने से पहले ही कई दलों ने अपने गठबंधन की घोषणा कर दी है. किन्तु कई दल अब भी अपने साथी ही खोज रहे हैं. सत्ता में रहकर भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना करने वाली शिवसेना ने गठबंधन को लेकर अपनी सहमति जता दी है. कांग्रेस, एनसीपी समेत कई छोटी सियासी पार्टियों को अपने साथ लाने के लिए जतन कर रही हैं.
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स्थानीय पार्टियां भी इस अवसर को चूकना नहीं चाहती है. अपने महत्व को समझते हुए इस अवसर का दोहन करना चाह रही हैं. देश में कुल सात चरणों में लोकसभा चुनाव का आयोजन होने वाले हैं. महाराष्ट्र में चार चरणों में मतदान संपन्न होंगे. यहां कांग्रेस और एनसीपी जहां मराठा मतदाताओं की अगुवाई करने की कवायद में है वहीं, 17 फीसद दलित और 13 फीसद मुस्लिम मतदाताओं को अपने पाले में लाना चाह रही है. दलित मतदाताओं की अगुवाई करने वाले प्रकाश अंबेडकर कांग्रेस और एनसीपी दोनों से गठबंधन के पहले ही एमआईएम के साथ जाने का ऐलान चुके हैं.
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इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी के साथ आने के लिए एक शर्त भी रखी है. भारतीय रिपब्लिकन पार्टी बहुजन महासंभ के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि, 'हम पहले से ही 22 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को चुन चुके हैं. अब मैं उन्हें पीछे हटने को नहीं कह सकता. कांग्रेस हमसे गठबंधन के लिए प्रयास कर रही है. किन्तु हमारी दो शर्तें होंगी. पहली कि जिन 22 सीटों पर हमने उम्मीदवार निर्धारित कर रखे हैं वे सभी चुनाव लड़ें और हम एआईएमआईएम का साथ नहीं छोड़ेंगे.
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