लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज शुक्रवार (10 फरवरी) से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारम्भ होने जा रहा है। 3 दिन तक चलने वाले इस समिट का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। इसी समिट के जरिए यूपी को लाखों करोड़ का निवेश मिलने का अनुमान है, जिससे राज्य के लोगों के लिए रोज़गार के नव अवसर उत्पन्न होंगे। हालांकि, अपने चित परिचित अंदाज़ में विपक्ष ने इन्वेस्टर्स समिट पर भी सवाल उठा दिए हैं और इसे शो ऑफ बताया है। इसके साथ ही विपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य सरकार एक कमरे से चल रही कंपनियों के साथ MoU पर दस्तखत कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार राज्य को विकास के बजाय विनाश की तरफ ले जा रही है। जनता को ठगने और दिखावे के लिए उद्योगपतियों के साथ MoU साइन किए जा रहे हैं। ये सरकार ऐसी कंपनियों के साथ MoU साइन कर रही है, जो एक ही कमरे में संचालित हो रही हैं। अखिलेश यादव ने दावा करते हुए कहा कि पिछले शिखर सम्मेलन के दौरान 5 लाख करोड़ रुपये के MoU साइन करने की बात कही गई थी, मगर धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सूट-टाई में किसी के भी साथ MoU साइन कर रही है, क्योंकि इसके लिए पैसे की आवश्यकता नहीं है।
वहीं, कांग्रेस ने भी सपा के सुर में सुर मिलाया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने भी सरकार पर आरोप लगाया है कि जनता के पैसे का इस्तेमाल जनता को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, समिट के लिए इन्वेस्ट मैनेजमेंट एजेंसियों को नियुक्त किया गया है। अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि ये कौन सी एजेंसियां हैं, इन्हें कैसे नियुक्त किया गया और इन्हें कितना पैसा दिया गया।
अखिलेश प्रताप सिंह ने आगे कहा कि इसी प्रकार का एक सम्मेलन फरवरी 2018 में लखनऊ में आयोजित किया गया था, जिसमें करीब 4.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए 1,045 कंपनियों के साथ MoU पर साइन किए गए थे। उन्होंने दावा किया कि इनमें से केवल 371 कंपनियां यहां 'भूमि पूजन' के लिए पहुंची, जिनमें से मात्र 106 या कुल का नौ प्रतिशत व्यावसायिक तौर पर काम करने में सक्षम हैं।
बता दें कि, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आज से हजारों देशी-विदेशी निवेशक विभिन्न सेक्टरों में निवेश के लिए निवेश परियोजनाओं की घोषणा करने वाले हैं। यूपी को लगभग 17 हजार निवेश प्रस्तावों के माध्यम से 27 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। इनमें विदेशों से मिलने वाला 7.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल है। इन निवेश प्रस्तावों के माध्यम से सूबे के हर हिस्से में बड़े-बड़े उद्योग लगाने का मार्ग खुलेगा, जिससे राज्य के युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस निवेश के जरिए 20 लाख से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार मिलने का अनुमान जताया गया है।
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