नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पेशे से वकील अभिषेक मनु सिंघवी के विनायक दामोदर सावरकर की प्रशंसा करने से कांग्रेस आलाकमान नाराज हो गया है। सूत्रों के अनुसार, उनसे इस संबंध में सफाई देने के लिए कहा गया है। दरअसल सोमवार को दोपहर दो बजे के लगभग सिंघवी का ट्वीट ऐसे वक्त में आया जब महाराष्ट्र और हरियाणा के लिए वोटिंग चल रही थी।
दरअसल अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ''मैं व्यक्तिगत रूप से सावरकर की विचारधारा का समर्थन नहीं करता हूं, लेकिन इस तथ्य को दूर नहीं किया जा सकता है कि वह एक निपुण व्यक्ति थे, जिन्होंने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया, दलित अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और देश के लिए जेल भी गए।' उनके इस ट्वीट के बाद से सियासी घमासान मच गया था, क्योंकि इससे पहले कांग्रेस के ही दिग्विजय सिंह और सिद्धारमैया ने कहा था कि सावरकर पर गांधी की हत्या का इल्जाम था, उन्हें कैसे भारत रत्न दिया जा सकता है।
आपको बता दें कि ये पूरा विवाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए जारी किए गए घोषणा पत्र के बाद पैदा हुआ है। दरअसल भाजपा ने वादा किया है कि वे वीर सावरकर को भारत रत्न दिलवाने के लिए प्रयास करेंगे। जिसके बाद से कई राजनेताओं ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है।
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