नईदिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से संसद के शीतकालीन सत्र में देरी किए जाने का आरोप लगाया है। इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बिना किसी कारण संसद के शीतकालीन सत्र को देर से प्रारंभ किए जाने का प्रयास हो रहा है। यह सत्र तो नवंबर माह में ही प्रारंभ हो जाना चाहिए था। संसद सत्रों को लेकर जानकारी केवल प्रधानमंत्री कार्यालय से आती है ऐसे में संसदीय कार्य मंत्री तक को इस मामले में जानकारी नहीं होती है बल्कि संसदीय कार्य मंत्री को तो सत्रों के आयोजन की जानकारी होना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री आजाद ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार केवल चुनावों पर ध्यान देने में लगी है। उसका ध्यान हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव और गुजरात राज्य के विधानसभा चुनाव में है। गुजरात की तारीखों को करीब 10 दिन से 15 दिन के लिए टाल दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर उन्होंने कहा कि मौजूदा पीएम तो लोकसभा चुनावों में भी पार्टी का प्रचार करते हैं और पंचायत चुनाव हों तो भी पार्टी का चुनाव प्रचार करने जाते हैं।
आखिर वे सरकारी खर्च पर चुनाव प्रचार करते हैं। इसी तरह की स्थिति केंद्रीय मंत्रियों की भी है। इस मामले में सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार घमंड से भरी हुई है। ऐसे में सभी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को प्रभावित किया जा रहा है। संसदीय सत्र को प्रभावित करने का कदम बहुत गंभीर है। इस तरह से नहीं होना चाहिए। हालांकि केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि कांग्रेस गलत आरोप लगा रही है। शीतकालीन सत्र अपने समय पर होगा।
पाटीदारों की बीजेपी से नाराजगी से कांग्रेस का जीतना मुश्किल
बीजेपी उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी
कांग्रेस ने नौ उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की