नई दिल्ली। गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव में परिणाम सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी क्षेत्रीय दलों के सहयोग और अन्य निर्वाचित विधायकों की जोड़तोड़ के बीच सरकार बनाने के लिए अग्रसर हो रही है लेकिन कांग्रेस ने इसे चुनौती दी है। दरअसल कांग्रेस ने संसद में वाॅक आउट कर भाजपा द्वारा दोनों राज्यों में सरकार बनाने की कवायद करने का विरोध किया है। कांग्रेस ने अपने प्रमुख नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में सदन से वाॅक आउट किया और भाजपा द्वारा सरकार बनाने के लिए हाॅर्स ट्रेडिंग करने का आरोप लगाया।
हालांकि कांग्रेस पहले इस मामले में स्थगन प्रस्ताव लाने की बात कह रही थी लेकिन कांग्रेस के सांसदों ने सदन से वाॅकआउट कर अपना विरोध जताया। उसका कहना है कि भाजपा का सरकार बनाना असंगत है। जबकि वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर साने आई है। गौरतलब है कि पहले कांग्रेस स्थगन प्रस्ताव लाने वाली थी और कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने व्हिप जारी कर अपने सभी सदस्यों को लोकसभा में मौजूद रहने के लिए कहा था।
इस मामले में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा था कि गोवा में तो भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई है फिर राज्यपाल को कांग्रेस को दरकिनार नहीं करना चाहिए। कांग्रेस के नेताओं ने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए निमंत्रित न कर भाजपा की कवायद को डेमोक्रेसी का मर्डर करार दिया है। कांग्रेस द्वारा मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाए जाने के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में पिटीशन दायर कर दी गई है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश इस मामले में तत्काल सुनवाई के लिए तैयार हो गए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस द्वारा गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा से सरकार बनाने के लिए निमंत्रण देने की अपील करने के लिए कहा जा रहा है। गौरतलब है कि गोवा में 17 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी विजेता पार्टी बनी है मगर यहां बहुमत के लिए 21 विधायकों का समर्थन चाहिए। भाजपा के पास 3 विधायकों की सीट थी। ऐसे में भाजपा ने 13 + 3 +3+2 =21 विधायकों के समर्थन का प्रयास किया और अब वह अपना दावा पेश कर रही है। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के साथ महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और गोवा फाॅरवर्ड पार्टी के 3 - 3 विधायकों ने समर्थन देने की बात कही थी और इन्होंने भाजपा को अपना समर्थन दिया।
साथ ही 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भाजपा को मिल गया है। दूसरी ओर मणिपुर में भाजपा के निर्वाचित विधायकों ने बीरेन सिंह को अपना नेता चुन लिया। मणिपुर में चुनावी परिणाम में 60 सीटों में से कांग्रेस को 28 सीट, भाजपा को 21 और निर्दलीय व अन्य को 11 सीटें मिली हैं। यहां पर भाजपा ने राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला को सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है हालांकि कांग्रेस का कहना है कि सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आने पर उसे ही सरकार बनाने के लिए निमंत्रित करना चाहिए। अब इस मामले में राजनीति गर्मा गई है।i
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