कोलकाता: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने "कैश-फॉर-क्वेरी" मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ एथिक्स कमेटी की कार्रवाई के बारे में स्पीकर ओम बिरला को लिखा। उन्होंने संसदीय समितियों को संचालित करने वाले नियमों और प्रक्रियाओं की समीक्षा करने को कहा है। हालाँकि, ये थोड़ा चौंकाने वाला कदम है, क्योंकि कांग्रेस अधीर रंजन चौधरी को अक्सर ममता बनर्जी और TMC की मुखर आलोचना करते हुए देखा जाता है। लेकिन अब जब, TMC भी विपक्षी गठबंधन INDIA की सदस्य है, जिसमे सभी दलों का मकसद भाजपा को सत्ता से बाहर करना है, ऐसे में कांग्रेस नेता अधीर रंजन, महुआ मोइत्रा के बचाव में आगे आए हैं। माना जा रहा है कि, इसके लिए चौधरी को हाईकमान से निर्देश मिले हो सकते हैं, क्योंकि TMC के प्रति उनके आक्रामक रुख से सभी परिचित हैं। हालाँकि, मजे की बात ये है कि, जिस मामले में कांग्रेस, महुआ मोइत्रा का बचाव कर रही है, उस मामले में खुद ममता बनर्जी ने अपनी सांसद को अकेला छोड़ दिया है। दरअसल, TMC का कहना है कि, वो इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करेगी, वहीं बंगाल सीएम ने भी मामले पर चुप्पी साध रखी है।
बहरहाल, स्पीकर को लिखे अपने चार पन्नों के पत्र में, कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा है कि 'विशेषाधिकार समिति और आचार समिति के लिए परिकल्पित भूमिकाओं में कोई स्पष्ट सीमांकन नहीं है, विशेष रूप से दंडात्मक शक्तियों के प्रयोग के मामलों में। इसके अतिरिक्त, "अनैतिक आचरण" की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है और "आचार संहिता" - हालांकि प्रक्रिया के नियमों के नियम 316 बी के तहत परिकल्पित है - तैयार की जानी बाकी है।' उन्होंने पत्र में कहा कि, इन मुद्दों पर, जिसमें समिति द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रियाएं भी शामिल हैं - जिनका राजनीति पर महत्वपूर्ण असर और प्रभाव है - गहन ध्यान देने और स्पीकर के मार्गदर्शन में प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता हो सकती है।
बता दें कि, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, जो लोक लेखा समिति के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि उनके द्वारा व्यक्त किये गये विचार उनकी व्यक्तिगत क्षमता में हैं। "कैश-फॉर-क्वेरी" मामले में सुश्री मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश करने वाली लोकसभा आचार समिति की रिपोर्ट सोमवार को निचले सदन में पेश की जाएगी। लोकसभा सचिवालय द्वारा प्रसारित एजेंडा पत्रों के अनुसार, आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर पैनल की पहली रिपोर्ट सदन के पटल पर रखेंगे। समिति ने 9 नवंबर को एक बैठक में "कैश-फॉर-क्वेरी" आरोप पर महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट अपनाई।