गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच, कांटे की टक्कर नज़र आ रही है। हालात ये हैं कि, राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा प्रमुख विपक्षी दलों में शामिल हैं। चुनाव प्रचार के दौरान, जहां विकास महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ था वहीं प्रचार के मध्य समय में आते - आते कई मसले प्रचारित हो रहे हैं। इन मसलों में कालाधान, आर्थिक नीति, जीएसटी, विकास शामिल हैं।
कांग्रेस ने विकास पागल हो गया है, के नारे के साथ भ्रष्ट शासन, अहंकारी वर्तन, समय की मांग है, सत्ता परिवर्तन का प्रचार किया है। साथ ही, सांप्रदायिक मसले पर चुनाव के ध्रुवीकरण और वर्ष 2012 के चुनाव के केंद्र सरकार की आर्थिक नीति व कालाधन और भ्रष्टाचार का मसला शामिल था।
इस मामले में, कांग्रेस आईटी सेल व गुजरात राज्य के प्रभारी रोहन गुप्ता ने भारतीय जनता पार्टी को जमीनी स्थिति का अनुभव करवा दिया। कांग्रेस, सत्ता पक्ष के विरूद्ध नारा लेकर आई है, जिसमें लिखा गया है कि "नवसर्जन आवे छै, कांग्रेस लावे छै" यह गुजरात विधानसभा के चुनाव में धूम मचा रहा है। गौरतलब है कि, भाजपा ने 52 पाटीदार बाहुल्य क्षेत्र में सीटों पर कब्जा जमाया था। तो दूसरी ओर, कांग्रेस के खाते में केवल 4 सीटें ही आई थी।
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भाजपा के वरुण या कांग्रेस के वरुण