गोरखपुर: कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए गोरखपुर सीट से अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले गोरखपुर में वापसी के लिए प्रयासरत कांग्रेस ने एक बार फिर यहां पर ब्राह्मण चेहरे पर दांव चला है. कांग्रेस ने यहां से मधुसुदन तिवारी को मैदान में उतारा है. मधुसुदन तिवारी की टक्कर यहां पर भाजपा के ब्राह्मण उम्मीदवार रवि किशन शुक्ला और सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी रामभुआल निषाद से है.
पेशे से वकील मधुसुदन तिवारी उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के मेंबर हैं. उनके कंधे पर पूर्वांचल की इस अहम् सीट पर एक दफा फिर कांग्रेस की वापसी कराने की बड़ी जिम्मेदारी है. कांग्रेस इससे पहले जब अंतिम बार गोरखपुर लोकसभा सीट जीती थी तब ब्राह्मण प्रत्याशी मदन पांडे ने जीत हासिल की थी. मदन पांडे 1984 के चुनाव में इस लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले आखिरी कांग्रेसी नेता थे. कांग्रेस ने गोरखपुर में हाल ही में हुए दो चुनावों में भी ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेला था.
2014 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से अष्ठभुजा प्रसाद त्रिपाठी को मैदान में उतारा था. हालांकि मोदी लहर में वो कोई करिश्मा नहीं कर पाए और महज 45 हजार 719 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे. वहीं 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने निषाद वोट बैंक को साधने के लिए निषाद प्रत्याशी पर दांव चला, किन्तु उसका दांव इस बार भी नाकाम रहा. इस बार लालचंद निषाद 30 हजार 262 मतों के साथ चौथे नंबर पर रहे थे. इससे पहले 2004 के चुनाव में कांग्रेस ने शरदेंदू पांडे को प्रत्याशी बनाया. कांग्रेस का ब्राह्मण कार्ड इस बार भी नाकाम रहा और शरदेंदू पांडे 33 हजार 477 वोटों के साथ चौथे नंबर पर रहे.
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