नई दिल्ली: भारत में पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर स्थापित ‘नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी’ का नाम बदलकर मोदी सरकार ने जून 2023 में ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ कर दिया था। इस संग्रहालय में आजादी के बाद से सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान और जीवन से जुड़ी जानकारी दी गई है। इस निर्णय के बाद से विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, ने इसका कड़ा विरोध किया, आरोप लगाया कि सरकार नेहरू की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस ने नेहरू की विरासत को संरक्षित रखने और जनता तक उनकी विरासत को पहुंचाने के लिए एक नया कदम उठाया है। जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फाउंडेशन ने नेहरू की 135वीं जयंती के अवसर पर 'नेहरू आर्काइव' की स्थापना की योजना बनाई है, जो अगले वर्ष नेहरू के जन्मदिन पर जनता के लिए लॉन्च की जाएगी। यह आर्काइव डिजिटल रूप में होगी, जिसमें नेहरू के जीवन, उनके विचारों, और उनके द्वारा लिखित पत्रों व दस्तावेजों को संरक्षित किया जाएगा। इस डिजिटल लाइब्रेरी का मॉडल दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग स्थित नेल्सन मंडेला सेंटर ऑफ लाइब्रेरी से प्रेरित है, जो डिजिटल साधनों के जरिए इतिहास को संरक्षित करता है।
पंडित नेहरू के पुराने पत्रों और दस्तावेजों को प्राप्त करने के लिए, इतिहासकार और पीएमएमएल सोसायटी के सदस्य रिजवान कादरी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह किया कि नेहरू के पत्रों को म्यूजियम को सौंपा जाए। उनका मानना है कि ये दस्तावेज देश के लिए महत्वपूर्ण हैं और इससे नेहरू के योगदान पर विस्तृत अध्ययन में सहायता मिलेगी।
जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फाउंडेशन के सचिव प्रोफेसर माधवन के पलात ने कहा कि यह डिजिटल संग्रह नेहरू की विचारधारा और उनके कार्यों को अगले पीढ़ी तक ले जाने का प्रयास है। कांग्रेस का मानना है कि नेहरू का योगदान स्वतंत्रता संग्राम और भारत के निर्माण में अद्वितीय था, और उनका स्थान अन्य प्रधानमंत्रियों से अलग और महत्वपूर्ण है।
कांग्रेस का यह डिजिटल आर्काइव नेहरू की विरासत को एक नई दिशा देने का प्रयास है। पार्टी के अनुसार, यह प्रयास नेहरू से जुड़े हर तथ्य को संरक्षित और सुलभ बनाएगा, जिससे उनके जीवन और कार्यों के प्रति कोई गलत धारणा न फैले और नई पीढ़ी उनके विचारों और योगदानों को जान सके।
1200 करोड़ की लागत से बनेगा दरभंगा AIIMS, पीएम मोदी ने रखी आधारशीला
भारत माता की प्रतिमा हटा कैसे दी? तमिलनाडु पुलिस से मद्रास HC का सवाल
'शरद पवार की तस्वीर इस्तेमाल मत करो..', अजित को SC की दो टूक