नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री मेमोरियल म्यूजियम कर दिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर इतिहास को मिटाने का इल्जाम लगाया है। वहीं, कांग्रेस के ही दिग्गज नेता रहे पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे और भाजपा के राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।
My father, former PM Chandra Shekhar Ji always worked for national interest. He even worked with Congress but they NEVER looked beyond one dynasty. Now, when PM @narendramodi honoured Prime Ministers across party lines, Cong is getting getting agitated. Horrible attitude. https://t.co/CW8ozSH3Ol pic.twitter.com/JwT2qvn562
— Neeraj Shekhar (@MPNeerajShekhar) June 16, 2023
नीरज शेखर ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मेरे पिता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने सदैव राष्ट्रहित के लिए काम किया। उन्होंने कांग्रेस के साथ भी काफी काम किया, मगर कांग्रेस ने कभी एक वंश (गांधी परिवार) से आगे नहीं देखा। अब जब पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी दलों के प्रधानमंत्रियों को सम्मानित किया है, तो कांग्रेस उत्तेजित हो रही है। नीरज शेखर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्रियों का सम्मान तो भूल जाइए, कांग्रेस और उनके शाही खानदान ने उन प्रधानमंत्रियों का भी तिरस्कार किया है, जो उनके वंश के नहीं हैं। नरसिम्हा राव के प्रति कांग्रेस के सलूक को हमारे सियासी इतिहास के सबसे शर्मनाक अध्यायों में से एक के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री मेमोरियल म्यूजियम में पार्टी लाइन से हटकर देश के हर प्रधानमंत्री को सम्मान मिला है और उनके योगदान को रेखांकित किया गया है। बता दें कि, पूर्व पीएम चंद्रशेखर कई वर्षों तक कांग्रेस में भी रहे थे, उन्हें पूर्व पीएम इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के दौरान जेल भेजा गया था। 25 जून 1975 को आपातकाल घोषित किये जाने के वक़्त आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत उन्हें अरेस्ट कर लिया गया, जबकि उस समय वे कांग्रेस के शीर्ष निकायों, केंद्रीय चुनाव समिति तथा कार्य समिति के सदस्य थे।
बता दें कि नीरज शेखर ने यह ट्वीट कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए किया है। दरअसल, खड़गे ने लिखा था कि 'जिनका कोई इतिहास नहीं है, वह अब दूसरों का इतिहास मिटा रहे हैं। मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलने से आधुनिक भारत के शिल्पकार और लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी जवाहरलाल नेहरू की शख्सियत कम नहीं हो सकती। यह फैसला बीजेपी-आरएसएस की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये को दर्शाती है।'
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