जयपुर: राजस्थान के करौली में हिन्दू नव वर्ष के दिन हुई हिंसा में राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस के पार्षद मतलूब अहमद का नाम उजागर हो चुका है। पुलिस मूकदर्शक बनी रही और दंगाई आगजनी करते रहे। आगे-आगे कांग्रेस का पार्षद मतलूब अहमद चल रहा था और उसके पीछे-पीछे उसके शागिर्द नकाब में लाठियाँ लेकर दुकानों को लूट रहे थे और उनमे आग लगा रहे थे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्षद के इशारे पर ही दंगे हुए। पुलिस के सामने से ही गुंडे लाठी-डंडे लेकर निकले, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
आप भी #जानिए करौली दंगे का #सच...!!!
— Rajendra Kasliwal (@jaipur_kasliwal) April 9, 2022
प्लानिंग से हुआ दंगा...हरामी पार्षद मतलूब अहमद छतों पर बैठे दंगाइयों को दे रहा था ऑर्डर, तमाशबीन पुलिस के सामने जलाईं दुकानें...!!! pic.twitter.com/8bzCC0IcrD
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, करौली दंगों के एक हफ्ते से अधिक समय बीतने के बाद भी लोग अपने घरों में कैद हैं। पोर्ट के मुताबिक, फूटाकोट से गणेश गेट तक हिन्दू नव वर्ष का जुलूस निकल रहा था। जिसके चलते दंगाइयों ने छतों पर पत्थरों के ढेर लगा कर बड़ी संख्या में युवकों को छिपा दिया गया था। बाइक रैली आते ही पत्थरबाजी शुरू हो गई। भगदड़ मचने पर वो सभी दंगाई हथियार लेकर बाहर निकले और दंगे शुरू कर दिए। दंगों में लाठी, सरिया और चाकू का इस्तेमाल किया गया। कई लोगों को खून से लथपथ होने पर अस्पताल में एडमिट कराया गया। दंगा हो जाने के बाद पुलिसकर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया। कई घायल लोग पुलिस से मदद की गुहार लगाते रहे। रैली के आसपास लगभग 40 पुलिसकर्मी तैनात थे, मगर इसके बाद भी उन्होंने दंगाइयों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया और बाद में अपने वरिष्ठों से और पुलिसबल भेजने की गुहार लगाई। पुलिस ने एक पक्ष के 20 और दूसरे पक्ष के 17 लोगों के विरुद्ध FIR दर्ज की है।
राज्य के DGP एमएल लाठर ने कहा है कि पुलिस की उपस्थिति में दंगा के मामले की जाँच के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। उन्होंने लापरवाही के दोषी पुलिसकर्मियों को न बख्शे जाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि 300-400 की भीड़ बताई गई थी और उस हिसाब से बलों की तैनाती उचित तादाद में की गई थी। इन सबके बाद भी राजस्थान की पुलिस उलटा हिन्दुओं को ही हिंसा के लिए जिम्मेदार बता रही है।
अब करौली से भी 'पलायन' के लिए मजबूर हुए हिन्दू, अपनी जली हुई दुकानों के सामने लगाए पोस्टर