चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे कांग्रेस सांसदों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी सांसद को विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस फैसले के बाद, खासकर कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं, क्योंकि दोनों ने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने साफ कर दिया है कि पार्टी के किसी भी सांसद को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी, और इस निर्णय के पीछे गुटबाजी को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं।
विशेष रूप से, कुमारी शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच जारी गुटबाजी के कारण यह कदम उठाया गया हो सकता है। हालांकि कांग्रेस ने अभी मुख्यमंत्री के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन शैलजा का टिकट काटकर संकेत दिए गए हैं कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इससे ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेतृत्व हुड्डा को फ्री हैंड देना चाहती है। भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि भूपेंद्र हुड्डा ने पार्टी में अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए शैलजा और अन्य नेताओं को दरकिनार कर दिया है।
कांग्रेस में परिवारवाद और गुटबाजी के आरोप लगाते हुए भाजपा ने हुड्डा पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस ने हरियाणा में अन्य नेताओं को कभी उभरने नहीं दिया। यह सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस शैलजा का टिकट काटकर हुड्डा को पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से काम करने का मौका देना चाहती है, और यह संकेत दे रही है कि पार्टी के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री पद का ताज हुड्डा को पहनाया जा सकता है।
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