नई दिल्ली : पाटीदारो की सीढ़ी के सहारे गुजरात के सत्ता सिंहासन पर पहुँचने को उत्सुक कांग्रेस पाटीदारों को अपने पक्ष में रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है .कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची आने के बाद पाटीदारों की नाराजगी से डरी कांग्रेस ने आखिर पाटीदारों के समक्ष समर्पण कर हार्दिक पटेल की आरक्षण सहित सभी शर्तों पर सहमति दे दी है.
बता दें कि हार्दिक पटेल ने अपने समर्थकों के लिए टिकट माँगा था. लेकिन कांग्रेस ने चालबाजी दिखाते हुए पहली सूची में उन सीटों पर हार्दिक समर्थकों के बजाए अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए.इसके बाद पाटीदारों के जबरदस्त गुस्से को देखकर कांग्रेस ने हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले पाटीदार अनामत आंदोलन के सामने घुटने टेक दिए और पाटीदारों को जिन चार विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों से आपत्ति थी. कांग्रेस को उन सीटों पर अपने प्रत्याशी बदलना पड़े.
उल्लेखनीय है कि जिन सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं, उनमें सौराष्ट्र का जूनागढ़, सूरत के कामरेज और वरक्षा तथा भरूच शामिल हैं. सूरत के कामरेज और वरक्षा सीट पर हुआ परिवर्तन पाटीदार अनामत आंदोलन के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सच तो यह है कि गुजरात के चुनाव में पाटीदार किंग मेकर की भूमिका में है .राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से करीब 50 सीटों पर पाटीदार समुदाय जीतने की क्षमता रखते हैं. वहीँ 10 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां वो किसी को जिताने और हराने की भी ताकत रखते हैं.इसलिए कांग्रेस बीजेपी से पटेलों की नाराजगी के बलबूते अपनी चुनावी नैया पार लगाना चाहती है.
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