गुवाहाटी: असम में विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य में कांग्रेस पार्टी अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश में जुट गई है. कोरोना महामारी के कारण भले ही नागरिकता कानून को लेकर उठ रही आवाजें दब गई हों, लेकिन कांग्रेस दबी आवाज के स्वरों को उभारने में कोई कसर नहीं छोड़ रही. असम विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन बाकी हैं. ऐसे में वहां नागरिकता कानून एक बड़ा मुद्दा बन गया है.
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के असम में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिए गए बयान के बाद राज्य में कांग्रेस पार्टी एक्शन मोड में आ गई है. राहुल गांधी ने सत्ता में आने के बाद नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू न करने का वादा किया था, जिसके बाद असम कांग्रेस यूनिट ने कार्यकर्ताओं से इस कानून के खिलाफ 50 लाख 'गमछा' (50 Lakh Gamosa) जमा करने का आह्वान किया था.
बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ पूरे राज्य से 50 लाख गमछा एकत्रित करने के कांग्रेस के इस अभियान का आगाज़ हो चुका है. कांग्रेस के गमछा अभियान को कॉलेज के स्टूडेंट्स, उद्यमियों, वरिष्ठ नागरिकों और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों, अन्य लोगों ने समर्थन दिया है और इस क्रम में समर्थकों ने अपने दस्तखत और CAA के खिलाफ एक संदेश के साथ गमछा कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को सौंपा.
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