बैंगलोर: कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस सरकार कथित तौर पर "सचिव 2" नाम से एक नया पद सृजित करने पर विचार कर रही है। जबकि विधानसभा सचिव का पद पहले से ही रिक्त है। सूत्रों के अनुसार, यह घटनाक्रम कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा विधानसभा के वित्त विभाग को लिखे गए पत्र के बाद हुआ, जिसमें नई भूमिका सृजित करने की मांग की गई थी। विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर वित्तीय स्वीकृति भी मांगी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नया पद कांग्रेस मंत्री केएच मुनियप्पा के दामाद शशिधर जेई को समायोजित करने के लिए बनाया जा रहा है।
इसके विरोध में कर्नाटक विधानसभा कर्मचारी संघ ने विधानसभा सचिव को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि नया पद इसलिए बनाया जा रहा है, क्योंकि शशिधर जेई सचिव का पद नहीं ले सकते। पत्र में लिखा है, "मंत्री केएच मुनियप्पा के दामाद शशिधर को समायोजित करने के लिए 'सचिव 2' नामक एक नया पद बनाया जा रहा है।" इसमें कहा गया है, "शशिधर विधायक एम रूपकला के पति हैं और वर्तमान में कंप्यूटर विंग में हैं। वह सचिव का पद नहीं ले सकते, क्योंकि सचिव का पद उन कर्मचारियों के लिए होता है, जो आमतौर पर पदोन्नत होकर सचिव बन जाते हैं। कंप्यूटर विंग के कर्मचारी कभी भी सचिव नहीं बन सकते।"
कर्नाटक विधानसभा कर्मचारी संघ ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि, "कांग्रेस सरकार शशिधर को सुविधा देने के लिए ऐसा कर रही है।" इस बीच, भाजपा ने एक मंत्री के दामाद के लिए नया पद सृजित करने पर कर्नाटक सरकार की आलोचना की है। कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा के आर अशोक ने एक एक्स पोस्ट में लिखा कि, "विधायकों के विद्रोह को दबाने के लिए संविधान का उल्लंघन करते हुए 90 कैबिनेट ग्रेड का दर्जा बनाया गया था। अब इस बेशर्म कर्नाटक सरकार ने मंत्री के दामाद के लिए एक नया पद बनाया है।"
उनोने लिखा कि, "मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, आप कर्नाटक के अब तक के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री हैं, जो जनता का पैसा बर्बाद कर रहे हैं और विधायकों और मंत्रियों को नियंत्रण में रखे बिना उनके रिश्तेदारों को बड़े पद दे रहे हैं।" इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक सीएन अश्वथ नारायण ने कहा, "सरकार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है। सचिव 2 का पद सृजित करना, मंत्री के दामाद को इसमें शामिल करना। वे देश के कानून का सम्मान नहीं करते। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे। हम इस मुद्दे को न्यायपालिका में भी उठाएंगे।" वहीं, इस बीच, मुनियप्पा ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
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