अमृतसर: पंजाब में गुटबाजी के कारण विधानसभा चुनाव में शर्मनाक शिकस्त झेलने वाली कांग्रेस अब भी सबक लेती नज़र नहीं आ रही है। इस हार के लिए जिम्मेदार ठहराए जा रहे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू लगातार एक्टिव हैं और नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। वह एक बार फिर से प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं, जबकि एक लॉबी उनके खिलाफ काम कर रही है।
फिलहाल, कांग्रेस का आलाकमान पंजाब को लेकर पसोपेश में है और किसी भी फैसले से पहले गहरे मंथन का दौर चल रहा है। इसका कारण यह है कि आलाकमान चुनाव से पहले वाली स्थिति नहीं चाहता, जब नेता आपस में ही टांग खिंचाई करते रहे और चुनाव परिणाम में पार्टी को बुरी हार झेलनी पड़ी। सोनिया गांधी ने हाल ही में पंजाब कांग्रेस के नेताओं के साथ मुलाकात की थी और कहा जा रहा है कि कुछ दिनों ही राज्य में अध्यक्ष को लेकर निर्णय हो सकता है।
इस बीच चर्चा है कि कांग्रेस सिख या फिर दलित की जगह किसी हिंदू नेता या फिर सिद्धू से अलग किसी जाट सिख पर दांव खेल सकती है। इसका कारण यह है कि चुनाव से पहले पार्टी ने दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया था। इसके अलावा जाट सिख नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश इकाई के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मगर इसका फायदा पार्टी को नहीं मिल सका था और उसे केवल 17 सीटों पर ही संतोष करना पड़ गया।
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