नई दिल्ली: देश की सबसे पुरानी राजनितिक पार्टी कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने पाया कि उन्हें रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली में कोई नेता है ही नहीं। राहुल गांधी अभी अपनी भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं, वहीं सोनिया गांधी दिल्ली के बाहर कहीं छुट्टियां मना रही हैं।
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मल्लिकार्जुन खड़गे जब 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस हेडक्वार्टर पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद 2019 से उनका दफ्तर सील कर दिया गया था। दरअसल, कांग्रेस की यह परंपरा रही है कि जब भी राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद रिक्त होता है, तो अध्यक्ष का दफ्तर सील कर दिया जाता है। क्योंकि, कांग्रेस को यह डर बना रहता है कि, कोई दफ्तर या कुर्सी पर कब्ज़ा न कर ले। औपचारिक रूप से कार्यालय को सील करने के बाद जब हाल ही में मल्लिकार्जुन खड़गे वहां पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि कमरे में मकड़ी के जाले लगे हुए थे और सोफे पर भी धूल जमा थी।
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दरअसल, अब जबकि खड़गे हर दिन अपने दफ्तर में बैठने के बारे में सोच रहे हैं, तो इसके कारण महासचिवों को भी इसका पालन करना होगा और अब उन्हें 24 अकबर रोड पर पहले से ज्यादा बार जाना होगा। बता दें कि, पहले कांग्रेस अध्यक्षों के पास उनकी मदद करने के लिए आर के धवन, वी जॉर्ज और अहमद पटेल जैसे ताकतवर सहयोगी हुआ करते थे। अब खड़गे के कांग्रेस प्रमुख बनने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि वे अपने सहयोगी नेता सैयद नसीर हुसैन को पार्टी में अपनी आंख और कान बनने के लिए तैयार कर रहे हैं। सैयद नसीर हुसैन ने ही मल्लिकार्जुन खड़गे को कर्नाटक से उच्च सदन के लिए चुने जाने में मदद की थी।
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