मुंबई: महाराष्ट्र चुनाव के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड को लिखी चिट्ठी से विवाद खड़ा हो गया है। इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह वोट बैंक की राजनीति के लिए देश को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण की मांग करके संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रही है।
रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से इस चिट्ठी पर सफाई देने की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस की यह नीति खतरनाक है और इससे देश की एकता खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सिर्फ वोट बैंक के लिए देश को बांटने की कोशिश कर रही है। इस चिट्ठी में कांग्रेस को ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड से 17 मांगे मिली थीं, जिनमें वक्फ कानून का विरोध, मुसलमानों के लिए शिक्षा और रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण, पुलिस भर्ती में प्राथमिकता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध शामिल हैं। भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह इन सभी मांगों का समर्थन कर रही है।
प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस का यह कदम केवल वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देता है और इसे लेकर राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की इस चिट्ठी में आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग की गई है, जो एक राष्ट्रवादी संगठन पर हमला है। भाजपा ने यह सवाल भी उठाया कि क्या एनसीपी प्रमुख शरद पवार और अन्य सहयोगी दल इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ हैं।
इस विवादास्पद मांग में मुस्लिम समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण की बात की गई है, जिसे भाजपा ने अवैध और सांप्रदायिक करार दिया। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के सहयोगी भी इस मुद्दे पर स्पष्टता दें ताकि जनता को उनकी स्थिति का पता चल सके। भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल वोट के लिए देश की एकता को खतरे में डाल रहे हैं और देश को ऐसे किसी भी कदम से बचाना भाजपा का कर्तव्य है।
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