चंडीगढ़: हाल ही में सोशल मीडिया पर भाजपा और अन्य यूज़र्स द्वारा कांग्रेस के हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कई पोस्ट्स वायरल हो रही हैं, जिसमें कांग्रेस पर चुनावी वादों को लेकर फिर से जनता को झूठे सपने दिखाने का आरोप लगाया गया है। पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस, लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए 'खटाखट' वादों की तर्ज पर ही हरियाणा में भी 100 गज के प्लॉट और दो कमरों के मकान देने के फर्जी फॉर्म भरवा रही है।
कांग्रेस की धोखाधड़ी (खटाखट) स्कीम फिर शुरू हो गई है, इस बार वोट के बदले 100 गज प्लॉट और 2 कमरे के मकान देने के फॉर्म भरवाए जा रहे है।
— R.N.PANDEY ???????? (@rp01915) October 1, 2024
लोकसभा चुनाव के पहले भी 1 लाख के फॉर्म भरवाए थे फिर महिलाए अपना फॉर्म लेकर लाइनों में लगी दिखाई दी थी।
हरियाणा वाले सावधान हो जाओ कुछ मिलने… pic.twitter.com/XQgWV4RvFu
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने ₹8500 प्रति माह देने का वादा किया था, जिसके लिए महिलाओं से फॉर्म भरवाए गए थे। इन फॉर्म्स को भरने के बाद जब कांग्रेस सत्ता में नहीं आई, तो उन्होंने साफ तौर पर महिलाओं को कहा कि उन्होंने कभी इस प्रकार की गारंटी नहीं दी थी। इस बार भी हरियाणा में कुछ ऐसा ही किया जा रहा है, जहाँ मतदाताओं से प्लॉट और मकान देने का वादा किया जा रहा है, और इसके लिए फैमिली आईडी भी मांगी जा रही है।
हरियाणा में कांग्रेस ने प्लॉट देने का वादा किया है । २०१२ में गुजरात में कांग्रेस ने महिलाओं को घर देने का वादा किया था। सैंपल हाउस के साथ सोनिया गांधी की तस्वीर भी खूब वायरल हुई। महिलाएँ टूट पड़ी थी फॉर्म पाने के लिए। फॉर्म कम पड़ गये थे। तीन दिन बाद भरे हुए फॉर्म कचरे में मिले pic.twitter.com/TN8XtlPanh
— नंदिता ठाकुर ???????? (@nanditathhakur) October 1, 2024
सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि जनता को अब कांग्रेस की इन फर्जी योजनाओं से सावधान रहना चाहिए। 2012 में भी कांग्रेस ने गुजरात में महिलाओं को घर देने का वादा किया था, जिसमें सोनिया गांधी की तस्वीरों के साथ सैंपल हाउस भी दिखाए गए थे। उस समय भी महिलाओं ने भारी संख्या में फॉर्म भरे थे, लेकिन कुछ समय बाद भरे हुए फॉर्म कचरे में पाए गए। अब हरियाणा में भी वही पुरानी स्कीम अपनाई जा रही है, जिसे लेकर सोशल मीडिया यूज़र्स कांग्रेस पर जमकर निशाना साध रहे हैं।
राहुल गांधी का ‘खटाखट’ मॉडल!
— Sambit Patra (@sambitswaraj) September 3, 2024
हिमाचल प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब 2 लाख कर्मचारियों और 1.5 लाख पेंशनर्स के खाते में 1 तारीख़ को ना तो सैलरी आई ना ही पेंशन।
जहां-जहां है कांग्रेस सरकार,
वहां-वहां खटाखट हो रहे कंगाल… pic.twitter.com/eIzIURWTgJ
यूज़र्स ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कांग्रेस का यह ट्रेंड लगातार जारी है। लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की अगुवाई में महिलाओं को ₹8500 प्रति माह का वादा किया गया था, लेकिन बाद में कहा गया कि यह वादा तभी पूरा होगा जब कांग्रेस सत्ता में आएगी। कई लोगों ने यह सवाल भी उठाया था कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहाँ तो यह पैसा दिया ही जा सकता था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी महिलाओं को यह पैसा नहीं मिला, और अब फिर से कांग्रेस हरियाणा में यही खेल खेल रही है।
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार बसों का किराया 20 से 25 प्रतिशत बढ़ाने जा रही है।
— Prashant Umrao (@ippatel) July 15, 2024
महिलाओं को फ्री में सफर कराओ और उसका किराया उनके बेटे, पति और पिता से वसूलों के नीति पर काम कर रही है कांग्रेस।
बिजली दर भी बढ़ गई!
कांग्रेस सरकार कर्नाटक को बर्बादी के कगार ले जा रही है। pic.twitter.com/iIBvVs3TYb
इस स्थिति पर यूज़र्स यह भी ध्यान दिला रहे हैं कि जनता को सिर्फ चुनावी वादों पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए। चुनावी वादे कैसे पूरे होंगे, इसका ध्यान रखना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी और विपक्ष ने प्रत्येक गरीब महिला को सालाना ₹1 लाख देने का वादा किया था। अगर भारत की 150 करोड़ की आबादी में 25 करोड़ गरीब महिलाएं भी मान ली जाएं, तो उन्हें सालाना 25 लाख करोड़ रुपए देने पड़ेंगे, जबकि भारत का कुल बजट ही 45 लाख करोड़ रुपए के आसपास है। ऐसे में यह वादा पूरी तरह अव्यवहारिक साबित हुआ। यानी आधे से ज्यादा पैसा इसी एक चुनावी गारंटी में चला जाएगा, फिर शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, कृषि, रक्षा, अंतरिक्ष कार्यक्रम, आदि के लिए पैसा कहाँ से आएगा ?
From 'We'll make Ballari the jeans capital' during elections to 'Power cuts hit Ballari's jeans industry hard' after elections. The mercy of the government in full display! #ElectoralPromises pic.twitter.com/5w0u6zTj4P
— Priyal Bhardwaj (@Ipriyalbhardwaj) October 25, 2023
कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार ने इन्ही चुनावी गारंटियों को पूरा करने के लिए SC/ST फंड से ₹14,000 करोड़ निकाले हैं, फिर भी राज्य आर्थिक संकट में है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि, बिजली दरें और अन्य वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं। फ्री बस यात्रा की योजना के कारण बस ट्रांसपोर्ट 300 करोड़ के घाटे में जा चुका है, और अब किराया बढ़ाने की तैयारी हो रही है। इसी तरह की स्थिति बिजली की फ्री योजनाओं के कारण बेल्लारी के जीन्स उद्योग में उत्पन्न हो रही है, जहाँ बिजली कटौती के कारण कारखाने बंद होने लगे हैं और कर्मचारी अन्य राज्यों में पलायन कर रहे हैं।
इस तरह के चुनावी वादे, जो सिर्फ सत्ता पाने के लिए किए जाते हैं, अंततः जनता पर ही बोझ बनते हैं। चुनावी गारंटियों के कारण राज्यों का विकास प्रभावित होता है और कर्ज लेने की नौबत आ जाती है। कर्नाटक सरकार के आर्थिक सलाहकार बसवराज रायरेड्डी ने भी कहा है कि चुनावी गारंटियों ने राज्य सरकार को आर्थिक बोझ तले दबा दिया है, जिससे विकास के लिए कोई पैसा नहीं बचा है। इसलिए यह जरूरी है कि जनता चुनावी वादों को समझदारी से परखे और बिना सोचे-समझे इन झूठे दावों के चक्कर में न पड़े।
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