नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान की शुरुआत हो चुकी है तथा इसके साथ ही कॉन्ग्रेस समर्थक हैंडलों ने सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार फैलाना और तेज़ कर दिया है। जहाँ एक ओर कॉन्ग्रेस के नेता नरेंद्र मोदी की वापसी को अवश्यम्भावी मान कर सुस्त पड़े हुए हैं, ट्रॉल्स बाज नहीं आ रहे। अब उन्होंने दावा करना आरम्भ कर दिया है कि नरेंद्र मोदी ने सीएम रहते गुजरात में मुस्लिमों को आरक्षण दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने ध्यान दिलाया था कि कॉन्ग्रेस SC-ST-OBC समाज का आरक्षण लेकर मुस्लिमों को देना चाहती है, तत्पश्चात, ये सब कुछ शुरू हुआ।
राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा था कि कॉन्ग्रेस एवं I.N.D.I. अलायंस जब सत्ता में था, तो ये लोग दलितों-पिछड़ों के आरक्षण में सेंधमारी करके अपने विशेष वोटबैंक को अलग से आरक्षण देना चाहते थे, जबकि संविधान इसके बिल्कुल खिलाफ है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा था कि आरक्षण का जो हक बाबासाहेब ने दलित, पिछड़ों एवं जनजातीय समाज को दिया, कॉन्ग्रेस और I.N.D.I. अलायंस वाले उसे मजहब के आधार पर मुस्लिमों को देना चाहते थे। वही इसी के बाद कॉन्ग्रेसियों ने बवाल आरम्भ कर दिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने ये भी बताया था कि कैसे आंध्र प्रदेश में कॉन्ग्रेस पार्टी ने 2004 में दलितों एवं जनजातीय समाज का आरक्षण लेकर मुस्लिमों को देने का प्रयास किया था, पार्टी संविधान के खिलाफ गई थी। इसके बाद ‘Amock’ नाम के सोशल मीडिया हैंडल ने लिखा कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात का CM रहते OBC का आरक्षण मुस्लिमों को दे दिया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के इंटरव्यू की एक क्लिप भी साझा की।
Today, Modi was questioning INC, asking for assurances that they wouldn't Reservation to muslims from OBC/SC/ST Quota
— Amock (@y0geshtweets) April 23, 2024
Meanwhile, #NarendraModi himself admitted a few days ago that he had provided OBC reservation to Muslims in Gujarat.
Spread it ⚡️#DarpokSaheb #HateSpeech pic.twitter.com/OCvZBsnE4X
इसके चलते कॉन्ग्रेस समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधे-अधूरे वीडियो शेयर कर के अपना गंदा एजेंडा चलाने का प्रयास किया। इस वीडियो में वो बता रहे हैं कि उनके कार्यकाल में गुजरात में कई मुस्लिम जातियों को OBC कोटा का फायदा मिला। उन्होंने बताया कि कैसे मीडिया इन चीजों को नज़रअंदाज़ करता है। यहाँ प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार भी ये नहीं कहा कि उन्होंने OBC की सूची बदल कर उसमें मुस्लिमों को जोड़ा। सच्चाई तो ये है कि कई प्रदेशों में कई मुस्लिम जातियों को ओबीसी कोटा का फायदा प्राप्त होता रहा है। बीते 40 सालों से ऐसा होता रहा है। सेन्ट्रल OBC कोटा में भी मुस्लिमों को आरक्षण दिया गया था, केंद्र की UPA सरकार ने इस सिलसिले में अधिसूचना जारी की थी। नरेंद्र मोदी जब सीएम तक नहीं बने थे, तभी से ये सब चला आ रहा है। जब हम गुजरात में OBC जातियों की सूची का अध्ययन करते हैं तो हमें पता चलता है कि इसमें जो भी मुस्लिम जातियाँ हैं वो नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने से पहले से ही उपस्थित हैं। नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में इसमें 14 नई जातियाँ जोड़ी गईं, जिनमें से किसी का भी इस्लाम मजहब से कोई ताल्लुक नहीं है।
7 अक्टूबर, 2001 – ये वो दिनांक थी जब नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम के रूप में शपथ ली। 22 मई, 2014 तक वो इस पद पर रहे। गुजरात सरकार द्वारा जारी की गई शैक्षिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों की सूची में 7 मौके ऐसे आए जब इसमें नई जातियाँ जोड़ी गईं। ये हैं – कमली, तम्बोली, गड़ई, गौरव, कलाल (हिन्दू), संघर (हिन्दू), नगरची, कायस्थ, गंधर्व (हिन्दू), दर्जी, भंडारी, काठी राजगीर, अहीर गोर, कुरुहिन शेट्टी और हजारी (राजपूत)। कलाल मुस्लिमों को पहले ही OBC का दर्जा दे दिया गया था, किन्तु इसी जाति के हिन्दुओं को इस सूची में स्थान पाने के लिए नरेंद्र मोदी के सीएम बनने तक की प्रतीक्षा करना पड़ा। 2005 में मोदी की प्रदेश सरकार ने उनके साथ न्याय किया। गुजरात में 31 मुस्लिम जातियाँ OBC के दायरे में आती हैं, जिनमें से 29 कॉन्ग्रेस शासनकाल में जोड़ी गईं। दिसंबर 1995 एवं सितंबर 1996 में बीजेपी सरकार ने मुस्लिम जातियों को इसमें जोड़ा, किन्तु तब नरेंद्र मोदी सरकार का भाग नहीं थे।
There are 70 castes in the Muslim community who belong to OBC. When I was CM of Gujarat, I used to give them all benefits of OBC.
— Shantanu (@shaandelhite) April 23, 2024
— Narendra Modi
Hey @AmanChopra_ , @gauravcsawant, look what your ‘propaganda ke papa’ is saying. pic.twitter.com/r1UXKitVah
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