नईदिल्ली। उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में बहुमत में राज्य सरकार का गठन होने और मणिपुर व गोवा में भी भाजपा द्वारा सरकार बना लेने के बाद अब भाजपा और आरएसएस संगठन राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी के चयन पर नज़रें गड़ाने लगा है। गौरतलब है कि महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई समाप्त होने के चलते इसके पहले इस पद पर किसी और का निर्वाचन किया जाना है। जिसके लिए भाजपा के अंदरखानों में चर्चा चल रही है।
आरएसएस में भी इस बात की चर्चा है। तो दूसरी ओर कांग्रेस नेता भी इस मामले में चर्चा करने में लगे हैं। दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जफर शरीफ ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत का नाम चलाया जा सकता है। यदि इनके नाम पर चर्चा होती है तो शायद किसी को परेशानी नहीं होगी। जफर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह बताया है कि निजी तौर पर उन्हें यह लगता है कि राष्ट्रपति पद के लिए मोहन भागवत के नाम के लिए किसी को भी मुश्किल नहीं होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजग के सहयोगी दलों को डिनर पर निमंत्रित किया था। जिसमें कथित रूप से राष्ट्रपति निर्वाचन को लेकर चर्चा की गई थी। हालांकि मोहन भागवत खुद को राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल किए जाने पर स्पष्टतौर पर इन्कार कर चुके हैं। उनका कहना था हम संघ में कार्य करते हैं ऐसे में इस पद पर काबिज होना ठीक नहीं है
दूसरी ओर यह जानकारी सामने आई थी कि शिवसेना ने मोहन भागवत का नाम राष्ट्रपति के लिए लिए जाने का समर्थन किया था। शिवसेना का कहना था कि हिंदुत्ववादी चेहरे के ही साथ मोहन भागवत की साफ इमेज इस पद पर उनके काबिज होने के लिए फिट है। संजय राउत ने कहा कि यदि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है तो फिर मोहन भागवत इसके योग्य हैं।
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