नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में उभरने के बाद कांग्रेस गर्त में चली गई है। पीएम मोदी पर सख्त रूख रखने वाली पार्टी उनको टक्कर देने की कोई ठोस रणनीति नहीं बना पाई है। अब कांग्रेस के भीतर से ही पार्टी के तरीकों पर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी के शासन का मॉडल "पूरी तरह नकारात्मक गाथा" नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करना तथा हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है।
जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि यह समय है कि हम मोदी के काम और 2014 से 2019 के बीच उन्होंने जो किया उसके महत्व को समझे, जिसके कारण वह सत्ता में दोबारा लौटे। इसी के कारण 30 प्रतिशत मतदाताओं ने उनकी सत्ता वापसी करवाई। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को 37.4 प्रतिशत वोट मिले जबकि सत्तारूढ़ राजग को कुल मिलाकर 45 प्रतिशत वोट हासिल हुए। उन्होंने राजनीतिक विश्लेषक कपिल सतीश कोमीरेड्डी की किताब "मेलिवॉलेंट रिपब्लिक : ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द न्यू इंडिया’’ का विमोचन करते हुए ये बातें कहीं।
रमेश ने कहा कि, पीएम मोदी ऐसी भाषा में बात करते हैं जो उन्हें लोगों से जोड़ती है। जब तक हम यह न मान लें कि वह ऐसे काम कर रहे हैं जिन्हें जनता सराह रही है और जो पहले नहीं किए गए, तब तक हम इस शख्स का मुकाबला नहीं कर पाएंगे।" उन्होंने चेताया, "साथ ही यदि आप हर वक्त उन्हें खलनायक की तरह पेश करने जा रहे हैं तो आप उनका मुकाबला नहीं कर पाएंगे।" जयराम रमेश कर्नाटक से राज्यसभा सांसद हैं।
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