नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने आज शनिवार (5 अगस्त) को पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया दी, जिन्हें कोर्ट में तोशाखाना मामले में दोषी पाया गया और तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है। चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "प्रमुख विपक्षी नेता को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए पाकिस्तान, भारत मॉडल का अनुसरण कर रहा है।" कांग्रेस सांसद की प्रतिक्रिया पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष को लाहौर में उनके ज़मान पार्क घर से गिरफ्तार किए जाने के कुछ मिनट बाद आई। इमरान को लाहौर से इस्लामाबाद भेजा गया है।
Pakistan following the India model in preventing the principal opposition leader from contesting elections. https://t.co/vhmNtxyday
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) August 5, 2023
दरअसल, कार्ति चिदंबरम ने एक तरह से इमरान खान की तुलना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ की है, जिन्हे कुछ समय पहले सूरत कोर्ट ने 2 साल जेल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद राहुल गांधी की सांसद सदस्यता चली गई थी और वे चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गए थे। हालाँकि, सूरत कोर्ट, सेशन कोर्ट और गुजरात हाई कोर्ट से राहत न मिलने के बाद राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जहाँ से उनकी सजा पर फ़ौरन रोक लगा दी, जिससे उनकी सासदी बहाली और चुनाव लड़ने के रस्ते खुल गए। इसी तरह इमरान खान पर भी कोर्ट ने 5 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाई है। जिसके बाद कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम का यह ट्वीट आया है कि, पाकिस्तान भी विपक्षी नेता को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए भारतीय मॉडल का अनुसरण कर रहा है। एक तरह से इस ट्वीट को इमरान के प्रति चिदंबरम की सहानुभूति के रूप में भी देखा जा रहा है। बता दें कि, कार्ति चिदंबरम पर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान 50 लाख की रिश्वत लेकर 250 चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने का आरोप है। इसके अलावा कार्ति चिदंबरम को INX मीडिया मामले में भी CBI और ED दोनों ने गिरफ्तार किया था। फ़िलहाल, कार्ति चिदंबरम जमानत पर हैं ।
क्या है तोशाखाना मामला:-
बता दें कि, तोशखाना मामला, जिसके कारण पूर्व पाकिस्तानी प्रधान मंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी हुई, भ्रष्टाचार और संपत्ति छिपाने के आरोपों के इर्द-गिर्द घूमता है। "तोशाखाना" शब्द एक भंडार को संदर्भित करता है जहां विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहार संग्रहीत किए जाते हैं। यह विभाग पाकिस्तान के कैबिनेट डिवीजन की प्रशासनिक देखरेख में संचालित होता है। अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य करने वाले इमरान खान पर अपने कार्यकाल के दौरान तोशाखाना से अपने पास रखे गए उपहारों का विवरण जानबूझकर छिपाने का आरोप लगाया गया था। ये उपहार, जिनमें एक ग्रेफ़ कलाई घड़ी, एक अंगूठी और एक रोलेक्स घड़ी शामिल थी, कथित तौर पर खान द्वारा बेचे गए थे, जो कथित तौर पर इन बिक्री से प्राप्त आय का खुलासा करने में विफल रहे।
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के सदस्यों द्वारा अगस्त 2022 में खान के खिलाफ तोशाखाना संदर्भ मामला दायर किया गया था। पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने मामले की जांच शुरू की और 21 अक्टूबर, 2022 को खान को बेईमान व्यवहार, मनगढ़ंत जानकारी और गलत घोषणाओं के कारण पांच साल के लिए सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य घोषित कर दिया। फैसले को चुनौती देने के बावजूद, खान को भ्रष्टाचार के आरोप में 9 मई, 2023 को गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ़्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिससे अशांति और बढ़ गई। 5 अगस्त, 2023 को इस्लामाबाद ट्रायल कोर्ट ने खान को तोशाखाना मामले में भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया और 100,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल जेल की सजा सुनाई।
यह मामला पाकिस्तान के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम रहा है, जिसने उच्च पदस्थ अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार और जवाबदेही के मुद्दों को उजागर किया है। यह पूर्व क्रिकेट स्टार से राजनेता बने खान के लिए एक नाटकीय पतन का भी प्रतीक है, जिनका प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल विवादों और विरोध से भरा रहा था।
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