नई दिल्ली: यौन शोषण मामले में सज़ा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की पैरोल को लेकर खलबली मची हुई है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री कृष्ण मूर्ति हुड्डा ने राम रहीम की जमानत पर सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए है। कृष्ण मूर्ति का आरोप है कि सरकार ने बिहार, मध्यप्रदेश और हरियाणा में चल रहे उपचुनाव में लाभ लेने के लिए राम रहीम को पैरोल दी है।
दरअसल, राम रहीम को गुपचुप तरीके से पैरोल दी गई है और उसे पुलिस हिरासत में गुरुग्राम ले जाया गया है। राम रहीम ने अपनी मां की बीमारी का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी, जिसके बाद उसे एक दिन की पैरोल दी गई थी। राम रहीम की पैरोल की जानकारी कुछ चुनिंदा लोगों को ही थी। तमाम बातें गुप्त रखी गई थी ताकि किसी को पता न चले। राम रहीम को ले जाते समय रोहतक की एक सड़क भी अनजाने के लिए बंद कर दी गई थी ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। पूरा प्लान गुपचुप तरीके से बनाया गया था।
सुनारिया जेल से ही भारी सुरक्षा के बीच राम रहीम को गुरुग्राम अस्पताल में ले जाया गया। सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है कि हरियाणा पुलिस की तीन टुकड़ियां राम रहीम की सुरक्षा में तैनात रही। एक टुकड़ी में 80 से 100 जवान मौजूद थे। डेरा चीफ को जेल से पुलिस के एक वाहन में लाया गया था।
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