नई दिल्ली: कांग्रेस इन दिनों लगातार चर्चाओं का हिस्सा बनी हुई है और अब यह पार्टी अपने ही नेताओं के दिए जख्म को बर्दाश्त कर रही है। जी दरअसल इन दिनों कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई भी उजागर हो रही है। कांग्रेस पहले से ही अध्यक्ष के मुद्दे को लेकर पार्टी दो खेमों में बंटी हुई दिखाई दे रही है। अब पार्टी की इस खराब स्थिति को और बदतर करने में मनीष तिवारी ने भी अपनी बड़ी भूमिका अदा की है। जी दरअसल, उन्होंने एक किताब लिखी है और इस किताब में कुछ ऐसा लिखा गया है कि हलचल मच गई है।
अपनी किताब में उन्होंने कांग्रेस की मनमोहन सरकार की जबरदस्त आलोचना की है। यह आलोचना पाकिस्तान द्वारा मुंबई में हमला कराए जाने और कांग्रेस की सरकार द्वारा उसको जवाब न दिए जाने के मुद्दे पर की गई है। जी दरअसल अपनी किताब में उन्होंने इसको तत्कालीन कांग्रेस सरकार की नाकाम बताया है। इसी के साथ उन्होंने ये भी लिखा है कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। भारत सरकार द्वारा कार्रवाई न करना उसकी कमजोरी की निशानी थी। इसके अलावा उन्होंने अपनी ही सरकार की आलोचना करते हुए यहां तक लिखा है कि जब पाकिस्तान को निर्दोषों का खून बहाने पर कोई दुख नहीं हुआ तो वहां पर चुप रहकर संयम दिखाना कोई ताकत नहीं थी, बल्कि ये कमजोरी की निशानी थी। 26/11 के बाद भारत को पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी।
अब उनकी किताब के सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी जमकर ट्रोल हो रही है। इस समय मनीष तिवारी की किताब पर ट्विटर पर घमासान मच गया है। ट्विटर पर कई लोग मनीष तिवारी को जिस थाली में खाया उसी में छेद किया ऐसा कहते नजर आ रहे है। वहीं कुछ लोग कांग्रेस के बारे में ही बुराई करते दिख रहे है। कई लोग मनीष की किताब को सच बता रहे है और कह रहे है मनमोहन देशद्रोही है।
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