नई दिल्ली: कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सदस्य मोतीलाल वोरा ने आज यानी 30 जुलाई को राज्यसभा में ISRO वैज्ञानिकों का वेतन काटने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि जब पूरा देश चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो वैज्ञानिकों की कामयाबी पर उन्हें बधाई दे रहा है, ऐसे में भारत सरकार उनका वेतन काट रही है.
दरअसल, इसरो वैज्ञानिकों के लिए दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि की मंजूरी राष्ट्रपति ने दी थी. जिससे देश में मौजूद बेहतरीन टैलेंट्स को इसरो वैज्ञानिक बनने के लिए प्रेरणा मिले. साथ ही इसरो के वैज्ञानिक भी प्रोत्साहित हो सके. मोतीलाल वोरा ने कहा कि इस अतिरिक्त वेतन वृद्धि को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद 1996 में अंतरिक्ष विभाग ने लागू किया था. शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि इस वेतन वृद्धि को दीधे तौर पर 'तनख्वाह' ही माना जाए. मोतीलाल वोरा ने राज्यसभा में अपील की कि केंद्र सरकार इसरो वैज्ञानिकों का वेतन न काटे.
भारत सरकार ने Chandrayaan-2 के प्रक्षेपण से ऐन पहले ISRO वैज्ञानिकों के वेतन में कटौती की थी. केंद्र सरकार ने 12 जून 2019 को जारी किए गए एक आदेश में कहा है कि इसरो वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को वर्ष 1996 से दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि के रूप में दी जा रही प्रोत्साहन अनुदान राशि को बंद किया जा रहा है.
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