नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (JNUSU) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने की स्वीकृति दे दी है. इस पर कांग्रेस के दिग्गज नेता ओर पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने दिल्ली सरकार के इस फैसले पर नाराजगी प्रकट की है. पी चिदंबरम ने शनिवार को एक ट्वीट करते हुए कहा है कि राजद्रोह कानून के संबंध में केंद्र सरकार की तरह ही दिल्ली सरकार की भी समझ कम है.
उन्होंने कहा कि मैं भारतीय दंड सहिंता (IPC) की धारा 124ए और 120बी के तहत कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ राजद्रोह का मामला चलाने की मंजूरी देने का सख्त विरोध करता हूं. उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार के फैसले पर कन्हैया कुमार ने भी प्रतिक्रिया प्रकट की है. कन्हैया कुमार ने एक बयान में शुक्रवार को कहा है कि, 'दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद. दिल्ली पुलिस और सरकारी वकीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए. फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और टीवी वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए. सत्यमेव जयते.
कन्हैया कुमार ने आगे कहा है कि 'सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है.'
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