नई दिल्ली: चीन के साथ न्यू ईयर के अवसर पर संबंधों को सामान्य होने की उम्मीद कर रहे भारत को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. दरअसल, चीन ने एक बार फिर से गलवान घाटी पर अपना दावा ठोंका है. 1 जनवरी 2022 को एक उकसाने वाली कार्रवाई में चीन ने अपने कब्जे वाले गलवान घाटी में अपना राष्ट्रीय ध्वज लहराया. इसके बाद चीन की सरकारी मीडिया सहित उसकी प्रोपगैंडा मशीनरी ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर जोर-शोर से फैलाना शुरू कर दिया.
गलवान में चीन की इस हरकत का असर दिल्ली की सियासत पर हुआ. विपक्षी दलों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि आखिर पीएम मोदी गलवान पर कब चुप्पी तोड़ेंगे? डबल गेम खेलने के लिए कुख्यात चीन ने न्यू ईयर के मौके पर पूर्व लद्दाख के डेमचोक और हॉट स्प्रिंग इलाके में भारतीय जवानों को तोहफा दिया था. इससे लग रहा था दोनों देशों के बीच रिश्तों में आई दरार आखिरकार भरने लगी है. लेकिन कुछ ही घंटों के बाद चीन ने अपना रंग दिखा दिया.
ग्लोबल टाइम्स ने गलवान में चीनी सेना द्वारा झंडा फहराने की प्रशंसा करते हुए लिखा कि, 'गलवान घाटी में, जहां लिखा था एक इंच भी जमीन कभी मत छोड़ो, वहां 1 जनवरी को PLA के जवानों ने चीनी जनता को नए साल की बधाई दी.' इसी कार्यक्रम का वीडियो ट्विटर पर पोस्ट करते हुए चीन की सरकारी मीडिया से जुड़े एक व्यक्ति शेन सिवेई ने लिखा कि, 'साल 2022 के पहले दिन गलवान घाटी पर चीन का झंडा फहराया गया, ये झंडा बेहद खास है क्योंकि यही ध्वज कभी थियानमान चौक पर फहराया गया था.' वहीं, इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर भड़कते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि, 'गलवान पर हमारा तिरंगा ही अच्छा लगता है. चीन को जवाब देना होगा. मोदी जी, चुप्पी तोड़ो.' बता दें कि राहुल गांधी इन दिनों 'निजी यात्रा' पर विदेश गए हुए हैं, बताया जा रहा है कि वे इटली गए हैं. राहुल 29 दिसंबर को ही भारत से चले गए थे.
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