विदेश मंत्री जयशंकर की कूटनीति के मुरीद हुए कांग्रेस नेता थरूर, ट्वीट कर लिखा- 'शाबाश'

विदेश मंत्री जयशंकर की कूटनीति के मुरीद हुए कांग्रेस नेता थरूर, ट्वीट कर लिखा- 'शाबाश'
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नई दिल्ली: अमेरिका और आयरलैंड की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में प्रतिबंधित देशों को मानवीय मदद वाले प्रस्ताव से भारत ने दूरी बनाई थी। इस मुद्दे पर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की जमकर प्रशंसा की है। दरअसल, भारत ने पाकिस्तान का हवाला देकर मीटिंग से दूरी बना ली थी और कहा था कि उसके पड़ोसी देश के आतंकवादी संगठनों को इस प्रस्ताव से फंड जुटाने और अपनी नई फौज बनाने में मदद मिल सकती है।

 

अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने UNSC में पारित किए गए प्रतिबंधित देशों में मानवीय मदद वाले प्रस्ताव पर भारत के रुख के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की तारीफ की है। भारत ने अमेरिका और आयरलैंड द्वारा मानवीय प्रयासों को रियायत देने वाले प्रतिबंधों को बनाने के लिए पेश किए गए प्रस्ताव पर यह कहकर असहमति जाहिर कर दी थी कि उसके पड़ोस (पाकिस्तान) समेत पूरे विश्व में ब्लैक लिस्टेड आतंकवादी समूहों को इससे काफी सहायता मिल सकती है। वे धन एकत्रित कर सकते हैं। जिससे वे हथियार, गोला-बारूद और अपनी नई फौज तैयार कर सकते हैं। बता दें कि, भारत,  फ़िलहाल UNSC की अध्यक्षता कर रहा था, मगर फिर भी मीटिंग में भारत को छोड़कर अन्य सभी 14 सदस्यों ने उपस्थित होकर प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। बैठक से अलग होते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि हमारी चिंताएं आतंकी समूहों के इस तरह के मानवतावादी प्रयासों का पूरा लाभ उठाने को लेकर है। 

भारत के रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने कहा कि वह देश के उन आपत्तियों से पूरी तरह सहमत हैं, जिसके चलते भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। थरूर ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि, 'प्रस्ताव के पीछे की मानवीय चिंताओं को समझते हुए मैं भारत की उन आपत्तियों से पूरी तरह सहमत हूं, जिसने इसके बहिष्कार को प्रेरित किया। शाबाश, एस जयशंकर।' बता दें कि, पाकिस्तान और उसकी धरती पर मौजूद आतंकी संगठनों का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कंबोज ने कहा कि, 'इस परिषद द्वारा सूचीबद्ध लोगों समेत हमारे पड़ोस में आतंकवादी समूहों के कई मामले भी सामने आए हैं, जिन्होंने इन प्रतिबंधों से बचने के लिए कई मानवीय संगठनों और नागरिक समाज के तौर पर नया अवतार लिया है।'

जमात-उद-दावा (JuD) अपने आप को मानवतावादी संगठन कहता है, मगर व्यापक रूप से लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के लिए एक फ्रंट संगठन के तौर पर काम करता है। फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF), आतंकवादी संगठनों JuD और LeT द्वारा संचालित एक धर्मार्थ संस्था है। अल रहमत ट्रस्ट, जो एक अन्य आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) द्वारा समर्थित है, भी पाकिस्तान में फल-फूल रहा है।

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