गुवाहाटी: 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं असम के तीन बार सीएम रहे तरुण गोगोई ने कहा है कि विपक्ष का भाजपा विरोधी ‘महागठबंधन’ इसलिए वांछित आकार नहीं ले पाया, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेशों के उन नेताओं की भावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जो महागठबंधन के समर्थन में नहीं थे.
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छह बार सांसद रह चुके तरुण गोगोई ने भाजपा के इस आरोप को भी ख़ारिज किया कि कांग्रेस एक ‘वंशवादी’ पार्टी है. उन्होंने जोर देते हुए कहा है कि कांग्रेस देश में ‘सबसे लोकतांत्रिक’ पार्टी है. उन्होंने कहा है कि औपचारिक गठबंधन नहीं होने की वजह से विपक्षी गठबंधन की तस्वीर अस्पष्ट है, इसके बाद भी भाजपा विरोधी पार्टियां भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों को मात देने के अपने मकसद के लिए एकजुट हैं. गोगोई ने मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि, 'राहुल गांधी ने कई दफा गठबंधन करना चाहा, किन्तु स्थानीय पार्टी नेताओं ने इंकार कर दिया. हमारी पार्टी क्षेत्रीय नेतृत्व को काफी महत्व देती है. इसी वजह हम अधिकांश जगहों पर गठबंधन करने में नाकाम रहे.'
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उन्होंने बताया है कि, 'कांग्रेस को अक्सर एक वंशवादी पार्टी कहा जाता है, किन्तु यह सबसे लोकतांत्रिक पार्टी है. राहुल गांधी स्थानीय राजनेताओं को सुनते और उन्हें उचित महत्व देते हैं और उनकी भावनाओं की अनदेखी नहीं करते.’’ यह सवाल किए जाने पर कि क्या प्रस्तावित महागठबंधन के संभावित सहयोगियों के मध्य चुनाव पूर्व समझौते से उन्हें ज्यादा सीट मिल सकने की उम्मीद है, गोगोई ने कहा है कि कोई भी इस बात की निश्चित भविष्यवाणी नहीं कर सकता.
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