नई दिल्ली: कांग्रेस पिछले कुछ दिनों से दल-बदल की समस्या से परेशान है. गुजरात में कांग्रेस दिन-ब दिन कमजोर होती जा रही है. कांग्रेस के नेता एक के बाद एक पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जा रहे हैं. विधानसभा के चुनाव हों या स्थानीय निकाय के, चुनावों के वक़्त पार्टी में नेताओं के पलायन की रफ्तार और तेज हो जाती है. कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं का अक्सर यही इल्जाम रहता है कि हमारी कोई नहीं सुनता.
अब गुजरात में निकाय चुनाव की तारीख की घोषणा होने के बाद पार्टी ने इस शिकायत को दूर करने और नेताओं को पार्टी छोड़कर जाने से रोकने के लिए डैमेज कंट्रोल कमेटी का गठन किया है. कांग्रेस के गुजरात के प्रभारी राजीव सातव ने कहा है कि ऐसे नेताओं को टिकट प्रदान किया जाएगा, जो पार्टी के प्रति वफादार होंगे. जो चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस छोड़ दूसरी पार्टी में नहीं जाएंगे. निकाय चुनाव के ऐलान के बाद ही झाड़ेश्वर के कांग्रेस नेता कौशिक पटेल अपने 300 समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे. वहीं, अंकलेश्वर में भी बड़ी तादाद में कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए.
वडोदरा में भी भाजपा ने मिशन 76 का नारा दे दिया है. सभी 76 सीटें जीतने का दावा कर रही भाजपा की नजर कांग्रेस के कई नेताओं को अपने पाले में करने पर है. इससे हड़बड़ाई कांग्रेस ने पहली दफा डैमेज कंट्रोल समिति गठित की है. गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष ने इस कमेटी में वडोदरा के शीर्ष नेताओं को शामिल कर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कोई भी नेता नाराजगी के कारण दल ना बदले.
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