बैंगलोर: कर्नाटक कांग्रेस विधायक नारा भरत रेड्डी से जुड़ी संपत्तियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 10 फरवरी से शुरू होने वाले तीन दिनों के लिए छापे मारे जाने के बाद, जांच एजेंसी ने कहा कि कांग्रेस नेता ने 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले के महीनों में 42 करोड़ रुपये नकद जुटाए थे। माना जाता है कि इन फंडों का इस्तेमाल गैरकानूनी लेनदेन के लिए किया गया है।
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हुई छापेमारी, धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत चल रही जांच का हिस्सा थी। प्रवर्तन निदेशालय की जांच बेल्लारी, कर्नाटक में दर्ज एक एफआईआर के बाद शुरू की गई थी। तलाशी अभियान के दौरान, जांच एजेंसी ने आपत्तिजनक दस्तावेजों, व्यावसायिक रिकॉर्ड और अचल और चल दोनों संपत्तियों के विवरण के एक नेटवर्क का खुलासा किया।एकत्र किए गए सबूतों में 31 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी थी, जिसने इन निधियों के स्रोत और इच्छित उपयोग के बारे में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आगे की जांच से यह भी पता चला है कि भरत रेड्डी के भाई शरथ रेड्डी ने विदेशी-आधारित कंपनियों में अघोषित निवेश किया था। आरोपी व्यक्तियों पर बेनामी (प्रॉक्सी) नामों के तहत संपत्तियों में निवेश करने और उनकी जानकारी के बिना उनके बैंक खातों का उपयोग करके रिश्तेदारों से संदिग्ध ऋण प्राप्त करने का आरोप है।
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