बीते चार दिनों से एमपी की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छाए हुए है. एक दिन पहले थोड़ी राहत मिलने के बाद गुरुवार को फिर सियासी संग्राम तेज हो गया. कांग्रेस के एक विधायक के इस्तीफा दे देने से कमलनाथ सरकार पर संकट फिर गहरा गया है.
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पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान दिल्ली और भाजपा नेता अरविंद भदौरिया बेंगलुरु में मोर्चा संभाले हुए हैं. इस बीच निर्दलीय विधायकों के आक्रामक तेवर व कांग्रेस नेताओं को उनकी ओर से दी जा रही चेतावनी ने सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ को डैमेज कंट्रोल के लिए खुद मैदान में उतरना पड़ा है. नाराज विधायकों को वे खुद मना रहे हैं. सियासी उलझन के बीच उन्होंने शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक भी बुलाई है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कांग्रेस के दिग्गज नेता चार दिनों से आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराने की कोशिश में जुटी है. इसी कड़ी में कांग्रेस के साथ-साथ सपा-बसपा और निर्दलीय विधायकों को हरियाणा में मेवात के एक होटल में ले जाने की बात कही गई. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों को करोड़ रुपये और मंत्री पद देने का प्रलोभन दे रही है. इसके बाद से सियासत गर्म है.
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