गुवाहाटी: असम में जीत के सिर्फ डेढ़ महीने में ही कांग्रेस MLA रूपज्योति कुर्मी का पार्टी से ऐसा मोह भंग हुआ कि उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया। पंजाब, राजस्थान से लेकर मुंबई में आंतरिक कलह से जूझ रही कांग्रेस को उस समय एक और बड़ा झटका लगा, जब असम में उसके MLA रूपज्योति कुर्मी ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया। वह अगले हफ्ते सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे।
जोरहाट जिले की मरियानी विधानसभा सीट से जीतने वाले रूपज्योति कुर्मी ने लगातार चौथी बार MLA के रूप में जीतने के सिर्फ डेढ़ महीने बाद ही अपना इस्तीफा विधानसभा स्पीकर बिस्वजीत दैमारी को सौंप दिया। इस दौरान कुर्मी के साथ भाजपा के दो MLA संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका और सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के राजनीतिक सचिव जयंत मल्ला बरुआ भी थे। ये दोनों MLA पहले कांग्रेस में थे और 2015 में सरमा के साथ भाजपा में शामिल हुए थे।
इस्तीफा देने बाद कुर्मी ने कहा कि मुझे विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद का आश्वासन दिया गया था, लेकिन बाद में मना कर दिया गया। मैंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया था, किन्तु वह भी नहीं मिला। पार्टी ने मेरा नाम राज्य विधानसभा की लोक लेखा समिति (PAC) के सदस्यों की सूची में शामिल नहीं किया। ऐसा लगता है कि कांग्रेस नहीं चाहती कि मेरे जैसे नेता जो एक ख़ास समुदाय से हैं, ऊपर उठें।
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