पटना: बिहार में शराबबंदी हटाने की कवायद जोर पकड़ने लगी है। विपक्ष के साथ अब महागठबंधन के घटक दलों के नेता भी शराबबंदी कानून की समीक्षा किए जाने की वकालत कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा है कि शराबबंदी पर पुनर्विचार के लिए सदन में बातचीत होगी।
उन्होंने कहा कि शराब माफियाओं से प्रशासन के लोग मिले हुए हैं। इस वजह से प्रत्येक स्थान शराब मिल रही है। ऐसे में शराबबंदी का कोई प्रभाव नहीं नजर आया। इसलिए इस पर पुनर्विचार होना चाहिए। शराबबंदी से बिहार सरकार को सालाना 10,000 करोड़ का नुकसान भी हो रहा है। बता दें कि 13 दिसंबर से विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आरम्भ होगा।
वही दूसरी तरफ हाल ही में कुछ दिनों पहले बिहार (Bihar) मे 3 व्यक्तियों की जहरीली शराब पीने से मौत का मामला सामने आया था। मरने वालों में प्रतिष्ठित विद्यालय का प्रधानाचार्य भी सम्मिलित था। महनार में अलग-अलग क्षेत्रों में जहरीली शराब पीने से तीन व्यक्तियों की मौत हुई। यहां के प्रतिष्ठित विद्यालय के प्रधानाचार्य जय प्रधान नेवाड़ कहीं से शराब पीकर घर पहुंचे थे। कुछ वक़्त पश्चात् उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जब तक उपचार के चिकित्सालय पहुंचते, उसके पहले ही नेवाड़ की जान चली गई।
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