कोटा: 26 जुलाई को कांग्रेस नेता और कोटा उत्तर विधायक शांति कुमार धारीवाल ने राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के प्रश्नकाल के दौरान स्पीकर संदीप शर्मा को संबोधित करते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करके हंगामा खड़ा कर दिया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें शर्मा ने धारीवाल से अपना भाषण समाप्त करने का अनुरोध किया, क्योंकि उन्होंने निर्धारित समय से अधिक बोल दिया था। शर्मा ने कहा, "आज 65 लोगों को बोलना है। आप पहले ही 30 मिनट बोल चुके हैं," जिस पर धारीवाल ने जवाब दिया, "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। सत्र देर तक चलने दें।" फिर उन्होंने कहा, "तुम कोटा के हो भ*#c@@। कोटा में रहना है के नहीं रहना?", जिसके बाद सदन में मौजूद विपक्षी विधायक ठहाके लगाने लगे। गौरतलब है कि शर्मा कोटा दक्षिण से विधायक हैं।
"अरे तुम कोटा के ही रहने वाले हो ना बहनचो-%$ ...देखता हूं कोटा में रहना है की नहीं तुम्हे":- शांतिलाल धारीवाल कांग्रेस विधायक ????????
— Prabhakar Singh Parihar प्रभाकर सिँह परिहार (@IPrabhakarSP) July 26, 2024
सदन है या फिर 'गालीबाजो' का तबेला
सरकारी कर्मचारी व अधिकारियों के लिए शांति धारीवाल के गंदे वचन
विधानसभा में धमकी दे रहे हैं कि आपको कोटा में रहना… pic.twitter.com/8PcJj4K2BI
विधानसभा में धारीवाल लगातार आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते रहे। कांग्रेस सरकार के दौरान गलत कामों के आरोपों और फर्जी पट्टों के मुद्दे पर चर्चा के दौरान उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की। निम्बाहेड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने जब इस पर आपत्ति जताई तो धारीवाल ने पलटवार करते हुए कहा, "कृपलानी जी, आप मेरे मित्र हैं। गलती से मंत्री बन गए तो आपको जानकारी नहीं मिली। अब मैं जो कह रहा हूं, उसे सुनिए और अपना ज्ञान बढ़ाइए।"
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रत्यूष कंठ ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर धारीवाल की आलोचना करते हुए लिखा, "ये राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेस नेता शांति धारीवाल हैं। ये विधानसभा में 'कोटा में रहना है या नहीं, मैं देख लूंगा' की धमकी दे रहे हैं। ये कांग्रेस का संवैधानिक पद है और स्पीकर का पद कांग्रेस के लिए सम्मान की बात है। दिल्ली में बैठे इनके नेता संविधान की रक्षा का ढोंग करते हैं। क्या कांग्रेस पार्टी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी या जयराम रमेश ही धारीवाल की टिप्पणी से खुद को अलग कर लेंगे?"
शांति धारीवाल को इससे पहले 2022 में अशोक गहलोत के प्रशासन में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य करते हुए बलात्कार के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। एक विधानसभा सत्र के दौरान, धारीवाल ने कहा, “राजस्थान हमेशा से मर्दों का क्षेत्र रहा है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हम बलात्कार के मामलों में नंबर एक पर हैं। हम बलात्कार के मामलों में आगे क्यों हैं? क्या हमारे अंदर कोई दोष है? हम क्या कर सकते हैं? राजस्थान हमेशा से 'मर्दों' का राज्य रहा है, ”जिस पर अन्य सदस्यों ने ठहाके लगाए थे।
आज तक बलात्कार पर किसी भी प्रदेश या दुनिया के किसी भी देश का गृह मंत्री इतना शर्मनाक और अभद्र बयान नहीं दिया होगा
— ????????Jitendra pratap singh???????? (@jpsin1) November 6, 2023
राजस्थान के गृहमंत्री शांति धारीवाल ने बेशर्मी से हंसते हुए कहा यह सच है कि राजस्थान में सबसे ज्यादा बलात्कार हो रहे हैं क्योंकि हम राजस्थान के लोग मर्द हैं pic.twitter.com/DmK7eHYeeQ
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने धारीवाल की टिप्पणियों की निंदा की थी और गंभीर परिणाम भुगतने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि, "राजस्थान सरकार में ऐसे मंत्री हैं, इसलिए राज्य की महिलाएं जघन्य लैंगिक अपराधों का शिकार हो रही हैं और पुलिस कुछ नहीं करती। अगर राज्य में ऐसे मंत्री होंगे तो महिलाएं कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी? एनसीडब्ल्यू श्री धारीवाल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है।" हालाँकि कोई कार्रवाई हुई नहीं थी।