कोच्चि: एक चौंकाने वाली घटना में, केरल में बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन ने कारगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ के कुछ ही दिनों बाद, कारगिल आक्रमण के खलनायक, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को श्रद्धांजलि देने की योजना बनाई। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) की कम्युनिस्ट शाखा बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन शनिवार को अपने राज्य सम्मेलन में मुशर्रफ को सम्मानित करने वाली थी। हालांकि, आक्रोश और विरोध के बाद आखिरी समय में निर्णय को उलट दिया गया।
बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन (केरल) का 23वां राज्य सम्मेलन 27 जुलाई को पॉली जॉर्ज नगर, अलपुझा में आयोजित किया गया था। गौर करने वाली बात तो ये है कि, देश पर सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। कांग्रेस पहले भी सत्ता में रहने के दौरान कई बार कारगिल विजय दिवस मनाने से इंकार कर चुकी है, उसका कहना था कि ये भारत की नहीं बल्कि भाजपा की लड़ाई थी, इसलिए हम इसका उत्सव नहीं मनाएंगे। यही नहीं भारत के खिलाफ अक्सर जहर उगलने वाले मुशर्रफ की मौत पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर उन्हें शांतिदूत भी कह चुके हैं। ऐसे में उनके सम्मान समारोह में शामिल होना कांग्रेस नेताओं के लिए कोई बड़ी बात नहीं। कार्यक्रम के तहत कई गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित किया जाना था, जिनमें अभिनेता, गायक, नर्तक, खिलाड़ी, कार्यकर्ता और अन्य शामिल थे। लेकिन, सम्मानित होने वालों में परवेज मुशर्रफ का नाम शामिल होने से कई लोग हैरान रह गए। इस कार्यक्रम में बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन, ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन और ऑल केरल बैंक एम्प्लॉइज फेडरेशन (AKBEF) के वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद थे।
Government Bank employees can pay tribute to the Pakistani dictator who attacked India, but until last month they were not allowed to join the @RSSorg . Let that sink in. https://t.co/HCB4QPzzTN
— saket साकेत ಸಾಕೇತ್ ???????? (@saket71) July 27, 2024
मुशर्रफ को सम्मानित करने के फैसले की कड़ी आलोचना हुई, जिसके कारण उनका नाम सूची से हटा दिया गया। इस खुलासे के बाद, भाजपा कार्यकर्ताओं ने अलप्पुझा में कार्यक्रम स्थल पर विरोध प्रदर्शन किया, नाम हटाए जाने के बाद भी उनका विरोध जारी रहा। नेटिज़ेंस ने इस विडंबना पर ध्यान दिया कि सरकारी बैंक कर्मचारी भारत पर हमला करने वाले पाकिस्तानी तानाशाह को श्रद्धांजलि दे सकते हैं, जबकि 50 वर्षों तक उन्हें RSS में शामिल होने की अनुमति नहीं थी। नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स ने बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन (केरल) के राष्ट्रविरोधी चरित्र की निंदा की। उन्होंने एक बयान जारी कर यूनियन द्वारा कारगिल विजय दिवस के ठीक एक दिन बाद मुशर्रफ को श्रद्धांजलि देने के फैसले पर अपनी पीड़ा व्यक्त की और कहा कि यह पूर्व सैनिकों का अपमान है, जिनमें से कुछ ने कारगिल युद्ध में भाग लिया था और वर्तमान में बैंकिंग क्षेत्र में कार्यरत हैं।
बैंकर्स वॉयस द्वारा एक्स पर पोस्ट किए गए बयान में, भारत-चीन संघर्ष के दौरान सैनिकों को रक्तदान करने और टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थन तथा हमास का समर्थन करने वाले फिलिस्तीनियों को दान देने के खिलाफ पिछले प्रस्तावों का हवाला देते हुए, मूल निकाय एआईबीईए की राष्ट्र-विरोधी तत्वों का समर्थन करने के इतिहास के लिए आलोचना की गई। उन्होंने वित्त मंत्रालय से हस्तक्षेप करने और जांच शुरू करने का आग्रह किया, बैठक में शामिल कर्मचारियों को निष्कासित करने और बैंक ऑफ इंडिया द्वारा ट्रेड यूनियन की मान्यता रद्द करने की मांग की।
उल्लेखनीय है कि मुशर्रफ को सम्मानित करने की योजना राष्ट्र द्वारा कारगिल विजय दिवस मनाए जाने के दो दिन बाद ही आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए उसे 'आतंकवाद का संरक्षक' बताया था। कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष रहे परवेज मुशर्रफ पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दावा किया है कि कारगिल आक्रमण की योजना बनाने वाले वे ही थे, हालांकि मुशर्रफ ने इससे इनकार करते हुए कहा कि शरीफ को मिशन शुरू होने से पहले ही इसके बारे में जानकारी दे दी गई थी। मुंबई में मुख्यालय वाले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बैंक ऑफ इंडिया ने अभी तक इस घटनाक्रम पर कोई बयान जारी नहीं किया है।
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