नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने आज मंगलवार (29 अगस्त) को पूरे अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र पर दावा करने वाले अपने नए नक़्शे के लिए चीन की आलोचना की। कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह 'बेतुका' है और भारत-चीन सीमा विवाद के इतिहास से मेल नहीं खाता है. तिवारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच असली मुद्दा यह है कि चीन ने थिएटर स्तर पर कई बिंदुओं पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का उल्लंघन किया है। उन्होंने केंद्र की भाजपा नीत NDA सरकार से यह देखने का आग्रह किया कि क्या दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का आना उचित होगा, जिन्होंने ''2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है।''
#WATCH | On China releasing new official map, laying territorial claim on the entire Arunachal Pradesh and Aksai Chin, Congress MP Manish Tewari says, "The absurdity & preposterousness of the Chinese claim is evidenced by the history of the Sino-Indian border dispute...Today, the… pic.twitter.com/YO1E4rjqTR
— ANI (@ANI) August 29, 2023
कांग्रेस सांसद ने कहा कि, 'चीनी दावे की बेतुकी और निरर्थकता चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास से प्रमाणित होती है, आज, भारत और चीन के बीच असली मुद्दा यह है कि चीनियों ने LAC पर थिएटर स्तर पर कई बिंदुओं पर अतिक्रमण किया है। उन परिस्थितियों में, सरकार को गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या दिल्ली में एक व्यक्ति शी जिनपिंग को उचित ठहराना, भारत के स्वाभिमान के अनुरूप होगा, जिन्होंने LAC के साथ 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है। इसे खाली करने की जरूरत है, संक्षेप में कहें तो, चीनी मानचित्र बेतुके हैं, वे चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास के साथ मेल नहीं खाते हैं, चीन का अरुणाचल प्रदेश पर कोई दावा नहीं है।' बता दें कि, अक्सर कांग्रेस नेताओं को चीन की आलोचना करते हुए नहीं देखा जाता है, यहाँ तक कि, खुद राहुल गांधी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में चीन को 'शांति पसंद देश' बता चुके हैं, जबकि वही राहुल गांधी भारत आने के बाद सरकार पर चीन द्वारा जमीन कब्ज़ा करने का आरोप लगाकर निशाना साधते रहते हैं। हालाँकि, मनीष तिवारी हमेशा पार्टी लाइन से हटकर बयान देने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी किताब में 26/11 आतंकी हमले के समय मनमोहन सरकार की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए थे और कहा था कि, उस समय कांग्रेस सरकार द्वारा पकिस्तान पर कार्रवाई न करना, उसकी (सरकार की) कमज़ोरी को दर्शाता है। साथ ही तिवारी ने कांग्रेस में JNU के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार की एंट्री पर भी सवाल उठाए थे, जिनपर 'भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाल्लाह, इंशाल्लाह' जैसे नारे लगाने का आरोप है।
चीन ने अपने नक़्शे में जोड़ा अरुणाचल और लद्दाख:-
एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस की यह टिप्पणी चीन द्वारा आधिकारिक तौर पर अपने "मानक मानचित्र" के 2023 संस्करण को जारी करने के एक दिन बाद आई है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन क्षेत्र, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर उसके दावों सहित विवादित क्षेत्रों को शामिल किया गया है। सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने एक्स, (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि, "चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय द्वारा होस्ट की गई मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर लॉन्च किया गया। इसे चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन पद्धति के आधार पर संकलित किया गया है।"
The 2023 edition of China's standard map was officially released on Monday and launched on the website of the standard map service hosted by the Ministry of Natural Resources. This map is compiled based on the drawing method of national boundaries of China and various countries… pic.twitter.com/bmtriz2Yqe
— Global Times (@globaltimesnews) August 28, 2023
ग्लोबल टाइम्स द्वारा प्रदर्शित चीन के नक़्शे में अरुणाचल प्रदेश भी दिखाया गया है, जिस पर चीन दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है, और 1962 के युद्ध में अक्साई चिन पर कब्जा कर लिया था। विशेष रूप से, भारत ने बार-बार चीन को बताया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। इसके अलावा, नक़्शे में ताइवान के अलग द्वीप और दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से पर दावा करने वाली नाइन-डैश लाइन पर चीन के दावों को भी शामिल किया गया है। चीन ने हमेशा ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा होने का दावा किया है और मुख्य भूमि के साथ इसका एकीकरण चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के संकल्पित उद्देश्य का हिस्सा है।
क्या सीएम शिवराज को दरकिनार कर रही भाजपा ? जन आशीर्वाद यात्राओं के लिए पहली बार अलग प्लान
अब तक दुनिया ने कितने 'सूर्य मिशन' भेजे ? 2 सितंबर को Aditya-L1 लॉन्च करेगा ISRO
G20 समिट से पहले चीन की 'नापाक' हरकत, अपने नए नक़्शे में भारत के अरुणाचल और लद्दाख को किया शामिल