लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का कार्यक्रम भले ही सामने न आया हो, पर सियासी दलों ने अपने-अपने अभियान तेज कर दिए हैं. भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) के तर्ज पर कांग्रेस ने भी गठबंधन के लिए छोटी पार्टियों को ऑफर दिए हैं. कांग्रेस के चुनाव ऑब्जर्वर और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा यूपी में अभी हमारा किसी दल से गठबंधन नहीं हैं, लेकिन छोटे दलों को साथ लेकर चलेंगे. गठबंधन के लिए कांग्रेस के दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि कांग्रेस के हाथ से कौन दल हाथ मिलाएंगे?
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार स्पष्ट कह चुके हैं कि सूबे में किसी भी बड़ी पार्टियों से गठजोड़ नहीं करेंगे. उन्होंने बसपा और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए इंकार कर दिया हैं. ऐसे में सपा ने छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में लगी हुई है, जिसके तहत अखिलेश ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य, राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी और जनवादी पार्टी के संजय चौहान के साथ गठबंधन किया है. बसपा सुप्रीमो मायावती स्पष्ट कह चुकी हैं कि 2022 के चुनाव में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगी. बसपा अकेले सभी 403 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. वहीं, भाजपा ने अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस) और संजय निषाद की निषाद पार्टी के साथ गठबंधन कर रखा है. बसपा के साथ कांग्रेस के गठबंधन की भी उम्मीदें नहीं रह जाती है और भाजपा के साथ जाने का प्रश्न ही नहीं उठता.
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस भी इस बार नए प्रयोग की कोशिश में है और वह भी इस बार चुनाव में छोटे दलों से समझौता कर चुनाव लड़ने की रणनीति आज़माने की फ़िराक़ में रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में कृष्णा पटेल की अपना दल और बाबू सिंह कुशवाहा की पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और इस बार भी उनकी निगाहें छोटे दलों पर है. ऐसे में कांग्रेस के सामने किन दलों के साथ गठबंधन का ऑप्शन है.
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