नई दिल्ली: देश में चुनावी समर को लेकर कांग्रेस पार्टी अब गंभीर हो गई है। वर्तमान में कांग्रेस पार्टी में प्रत्याशी चयन के लिए तय किए जा रहे मापदंडों ने दावेदारों की नींद उड़ा दी है जी हां कांग्रेस द्वारा जारी सूचना के अनुसार अब दो बार से हारे हुए दावेदारों के टिकट पर संकट मंडरा गया है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस पार्टी इस बार बहुत सोच समझ कर टिकिट वितरण करने वाली है। वहीं दिल्ली में चल रही राजस्थान कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में लगातार दो बार हारे हुए दावेदारों के टिकट काटने का यह बड़ा फैसला लिया गया।
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मंगलवार को भी कांग्रेस कमेटी की बैठक होगी और इस बैठक में 30,000 से ज्यादा मतों से हारे दावेदारों, पूर्व सांसदों और दागी नेताओं को टिकट ना देने पर भी फैसला लिया जा सकता है। कांग्रेस द्वारा बनाए गए नए मापदंड लागू होने से 20 से ज्यादा नेताओं की दावेदारी पर खतरा आ सकता है। यहां बता दें कि कांग्रेस की इस बैठक में करीब 75 से 80 सीटों पर चर्चा की गई है और कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की मंशा के बाद स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में फैसला लिया कि एक ही सीट से लगातार दो बार हारे हुए उम्मीदवारों को टिकट नहीं मिलेगा।
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गौरतलब है कि कांग्रेस बीते कुछ सालों से चुनावी संघर्ष करती आ रही है और हर बार निराशा हाथ लगने से कांग्रेस का मनोबल ठंडा होता दिखाई दिया है। इसके अलावा इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस सजग है वहीं अगर नए मापदंड पूरी तरह से लागू हुए तो दर्जन भर पूर्व सासंद भी विधानसभा टिकट की दौड़ से बाहर हो सकते हैं। जिसमें दो बार हारे हुए डॉ. चंद्रभान, बीडी कल्ला, रिछपाल मिर्धा, डॉ. सीएस बैद, रामचंद्र सराधना, आलोक बेनीवाल, जुबेर खान, संयम लोढा, ममता शर्मा, नरेन्द्र शर्मा, रमेश खिंची, दीपचंद खेड़िया, बनवारीलाल शर्मा, विक्रम सिंह शेखावत, लक्ष्मण मीणा, गिरीश चौधरी, गोपाल बाहेती, खुशवीर सिंह जोजावर और नईमुद्दीन गुड्डु इस दौड़ से बाहर हो सकते हैं।
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