नई दिल्ली: कांग्रेस ने राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली में की गई टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में पीएम मोदी पर एक विशेष धार्मिक समुदाय को निशाना बनाकर नफरत भरा भाषण देने का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस का आरोप है कि पीएम मोदी की टिप्पणियां विभाजनकारी थीं और आचार संहिता और चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन थीं। चुनाव आयोग ने कहा है कि वो शिकायत पर विचार कर रहा है।
रैली के दौरान पीएम मोदी ने दावा किया था कि अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो वह लोगों की संपत्ति जब्त कर लेगी और अधिक बच्चों वाले लोगों और घुसपैठियों में बांट देगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में माताओं और बहनों के सोने की गणना करने और मुसलमानों को दूसरों पर प्राथमिकता देने के समान सिद्धांत के आधार पर इसका पुनर्वितरण करने का सुझाव दिया गया है।
पीएम मोदी की टिप्पणी के जवाब में, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित कांग्रेस नेताओं ने चुनावी लाभ के लिए देश को विभाजित करने के प्रयास के लिए उनकी आलोचना की। उन्होंने पीएम मोदी पर कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में झूठ फैलाने और जनता की राय में हेरफेर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
हालांकि, कांकेर में एक रैली के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी की टिप्पणियों का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस सच्चाई से हिल गई है। उन्होंने धार्मिक आधार पर संपत्ति बांटने की कांग्रेस की कथित मंशा के बारे में पीएम मोदी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए सवाल किया कि क्या कांग्रेस के घोषणापत्र में संपत्ति सर्वेक्षण शामिल है। बांसवाड़ा रैली के दौरान की गई पीएम मोदी की टिप्पणियों में कांग्रेस पर सत्ता में आने पर अधिक बच्चों वाले लोगों और घुसपैठियों को संपत्ति वितरित करने की योजना बनाने का आरोप लगाया गया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में सोने की संपत्ति के पुनर्वितरण और संसाधन वितरण में दूसरों पर मुसलमानों को प्राथमिकता देने का संकेत दिया गया है। बता दें कि, राहुल गाँधी ने चुनावी रैली में वादा किया था कि, कांग्रेस सत्ता में आई, तो संपत्ति का सर्वे करवाएगी और उसका वापस बंटवारा करेगी, पीएम मोदी उसी वादे की बात कर रहे थे।
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